July 29, 2025

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लोकसभा में डेटा संरक्षण विधेयक पारित, भारत में डिजिटल सुरक्षा को मिलेगा बल

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भारतीय संसद की लोकसभा ने डेटा संरक्षण विधेयक 2024 को पारित किया है, जो देश में डिजिटल सुरक्षा और व्यक्तिगत डेटा संरक्षण को नया आयाम देगा। यह कानून डिजिटल प्लेटफॉर्म पर पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के साथ-साथ डेटा उल्लंघन को रोकने के लिए कठोर प्रावधान लाता है।

घटना का उद्देश्य

डेटा संरक्षण विधेयक 2024 का मुख्य लक्ष्य है:

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  • व्यक्तिगत सूचनाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना।
  • डिजिटल प्लेटफॉर्म पर डेटा संग्रहण, उपयोग और साझा करने के नियम स्पष्ट करना।
  • डेटा उल्लंघन पर कड़े दंड प्रदान करना।
  • नागरिकों के डेटा अधिकारों की रक्षा करना।

विधेयक से जुड़ी मुख्य बातें

  1. प्रस्तुति: केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने विधेयक प्रस्तुत किया।
  2. समिति प्रक्रिया: विभिन्न समितियों ने विधेयक पर रिपोर्ट बनाई।
  3. लोकसभा बहस: विधेयक पर व्यापक चर्चा हुई।
  4. पारित: विधेयक 5 अप्रैल 2024 को लोकसभा में पारित हुआ।

घटना की समयरेखा

  • 15 मार्च 2024: विधेयक प्रस्तुत।
  • 20 मार्च 2024: समितियों ने रिपोर्ट पेश की।
  • 3 अप्रैल 2024: लोकसभा में बहस।
  • 5 अप्रैल 2024: विधेयक पारित।

आधिकारिक बयान

केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने बताया कि यह विधेयक डिजिटल तकनीकों की बढ़ती मांग के मद्देनजर निजी डेटा की सुरक्षा के लिए आवश्यक है। इसके तहत डेटा प्रोसेसिंग कंपनियों पर नए नियंत्रण और निगरानी के प्रावधान किए गए हैं।

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महत्वपूर्ण आँकड़े

  • भारत में इंटरनेट उपयोगकर्ता: 85 करोड़ से अधिक।
  • लगभग 50% उपयोगकर्ता ऑनलाइन सेवाओं के लिए व्यक्तिगत डेटा साझा करते हैं।
  • डेटा उल्लंघन में पिछले दो वर्षों में 30% वृद्धि।
  • विधेयक का उद्देश्य: 2025 तक डेटा उल्लंघन मामलों में 50% कमी।

तत्काल प्रभाव

  • कंपनियों को डेटा संरक्षण मानकों को सुधारना होगा।
  • नागरिकों को डेटा उपयोग पर अधिक नियंत्रण मिलेगा।
  • डिजिटल सेवाओं में पारदर्शिता बढ़ेगी।
  • डेटा सुरक्षा आधारित सेवाओं की मांग में वृद्धि होगी।

प्रतिक्रियाएँ

  • सरकार ने इसे डिजिटल इंडिया पहल को सशक्त बनाने वाला कदम बताया है।
  • विपक्ष ने कुछ प्रावधानों को बेहतर स्पष्ट करने की मांग की है।
  • तकनीकी विशेषज्ञों ने विधेयक की प्रशंसा की, लेकिन प्रभावी निगरानी की आवश्यकता जताई।
  • नागरिक समाज ने इसे डेटा अधिकारों के सुदृढ़ीकरण में एक सकारात्मक कदम माना।

आगे की योजना

अगले चरण में यह विधेयक राज्यसभा में चर्चा के लिए भेजा जाएगा। एक संयुक्त समिति इसके क्रियान्वयन की रणनीति बनाएगी। सरकार का लक्ष्य है कि 2025 के अंत तक कानून को पूर्ण रूप से लागू कर दिया जाए।

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