भारत की लोकसभा में हाल ही में डेटा संरक्षण विधेयक पारित किया गया है, जो देश के व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा और निजता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह विधेयक खासतौर पर डिजिटल युग में नागरिकों के डेटा को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से बनाया गया है और इसका प्रभाव व्यापक रहेगा।
घटना क्या है?
डेटा संरक्षण विधेयक का मुख्य उद्देश्य है व्यक्तिगत डेटा के दुरुपयोग को रोकना तथा उपयोगकर्ताओं को उनके डेटा पर अधिक नियंत्रण प्रदान करना। यह बिल नागरिकों के डिजिटल अधिकारों की रक्षा करता है और साथ ही डिजिटल अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने का प्रयास करता है।
कौन-कौन जुड़े?
इस विधेयक को लोकसभा में सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के नेतृत्व में प्रस्तुत किया गया था। संसद में वित्त मंत्री, कानून मंत्री समेत कई अन्य सदस्यों ने इस पर विस्तृत बहस की। इसके अलावा, विभिन्न डिजिटल अधिकार संगठन और तकनीकी विशेषज्ञ भी चर्चा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
प्रतिक्रियाएँ
- सरकार ने कहा है कि यह विधेयक डिजिटल इंडिया के लक्ष्यों को साकार करने में मदद करेगा और डेटा सुरक्षा के लिए एक सुदृढ़ कानूनी ढांचा प्रदान करेगा।
- विपक्ष ने कुछ प्रावधानों पर चिंता व्यक्त की है, जैसे कि डेटा की सुरक्षा और लागू नियमों की स्पष्टता।
- विशेषज्ञों का मानना है कि विधेयक सांविधिक हितों का संतुलन बनाए रखता है लेकिन इसके सुधार की गुंजाइश बनी रहनी चाहिए।
आगे क्या?
यह विधेयक अब राज्यसभा में पारित होने के लिए भेजा जाएगा। इसके पश्चात इसे लागू करने के लिए संबंधित नियम और दिशा-निर्देश विकसित किए जाएंगे। सरकार ने यह भी कहा है कि डेटा सुरक्षा आयोग को सशक्त बनाकर निगरानी बढ़ाई जाएगी।
लोकसभा में डेटा संरक्षण विधेयक पारित होना डिजिटल सुरक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसका क्रियान्वयन देश के नागरिकों और उद्योगों दोनों के लिए लाभकारी साबित होगा।
ज़्यादा कहानियां
देश-दुनिया की प्रमुख घटनाओं का ताज़ा अपडेट – 30 जुलाई, सोमवार
30 जुलाई 2024: देश-दुनिया की प्रमुख घटनाओं का त्वरित अपडेट
30 जुलाई 2024: देश-विदेश की प्रमुख घटनाओं का लाइव अपडेट