भारत की लोकसभा में 15 मार्च 2024 को डेटा संरक्षण विधेयक पारित किया गया है, जो डिजिटल सुरक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उन्नति माना जा रहा है।
घटना क्या है?
यह विधेयक नागरिकों के निजी डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लाया गया है। इसके अंतर्गत डिजिटल प्लेटफॉर्म और कंपनियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे उपयोगकर्ताओं के डेटा का दुरुपयोग न करें।
कौन-कौन जुड़े?
इस विधेयक को केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने प्रस्तुत किया। इस प्रक्रिया में संसदीय समितियां और डेटा सुरक्षा विशेषज्ञ भी शामिल थे, जिन्होंने विधेयक के स्वरूप को बेहतर किया।
प्रमुख प्रावधान
- उपयोगकर्ताओं के डेटा पर नियंत्रण: उपयोगकर्ता अपने डेटा का नियंत्रण रखेंगे।
- सख्त दंड: डेटा हेरफेर करने पर कठोर दंड का प्रावधान।
- स्वतंत्र डेटा संरक्षण प्राधिकरण: एक स्वतंत्र संस्था की स्थापना जो डेटा सुरक्षा की निगरानी करेगी।
आधिकारिक बयान
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने कहा, “यह विधेयक भारत को डिजिटल सुरक्षा के मामले में विश्वस्तरीय बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।”
पुष्टि-शुदा आँकड़े
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत में डिजिटल उपयोगकर्ता पिछले पांच वर्षों में 35% बढ़े हैं, जिससे डेटा सुरक्षा की आवश्यकता और अधिक बढ़ गई है।
तत्काल प्रभाव
यह विधेयक पारित होने के बाद देश के डिजिटल उद्योगों को नई दिशाएं मिली हैं। कंपनियां अब डेटा सुरक्षा के उपाय बढ़ाएंगी, जिससे उपभोक्ताओं के विश्वास में वृद्धि हो सकती है।
प्रतिक्रियाएँ
- सरकार ने विधेयक का स्वागत करते हुए आर्थिक और सामाजिक पारदर्शिता बढ़ाने की बात कही।
- विपक्ष ने सुधारों का सुझाव दिया, खासतौर पर डेटा संरक्षण प्राधिकरण की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने पर जोर दिया।
- विशेषज्ञों ने इसे डिजिटल युग के लिए आवश्यक कदम बताया है।
आगे क्या?
विधेयक अब राज्यसभा में आने वाला है जहाँ उसकी समीक्षा और अनुमोदन होगा। इसके बाद इसे राष्ट्रपति के अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा। सरकार ने बताया है कि अगली संसद सत्र में इस पर विशेष चर्चा होगी।
Questiqa Bharat इस विधेयक से जुड़ी नई अपडेट्स नियमित रूप से प्रदान करेगा।
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