नई दिल्ली में 15 जून 2024 को संसद के लोकसभा सत्र में डेटा संरक्षण विधेयक 2024 पारित कर दिया गया। यह विधेयक निजी और सार्वजनिक डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया है, जिसका उद्देश्य नागरिकों के निजता अधिकारों को मजबूत बनाना है।
घटना क्या है?
डेटा संरक्षण विधेयक 2024 की लोकसभा में पारित के साथ ही भारत में डेटा की सुरक्षा को लेकर एक कानूनी ढांचा स्थापित हो गया है। इस विधेयक में डिजिटल प्लेटफॉर्म, कंपनियों और सरकारी संस्थाओं द्वारा संग्रहित उपयोगकर्ता डेटा के संरक्षण के नियमों को स्पष्ट किया गया है। विधेयक का उद्देश्य नागरिकों के निजी डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित करना और उसे बिना अनुमति के एक्सेस करने से रोकना है।
कौन-कौन जुड़े?
इस विधेयक पर निम्न संगठन और लोग जुड़े हैं:
- केंद्र सरकार
- सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय
- संसद की संबंधित समितियाँ
- कानून मंत्री
- विपक्ष के सदस्यों
कानून मंत्री ने विधेयक पारित होने के बाद बताया कि इस विधेयक में डेटा की संरक्षा, गोपनीयता और उपयोग के लिए कड़े प्रावधान शामिल हैं। विपक्ष ने चर्चा के दौरान अपनी टिप्पणियां दीं, कुछ ने विधेयक की आवश्यकताओं की सराहना की जबकि कुछ ने संशोधन की मांग की।
आधिकारिक बयान और दस्तावेज़
केंद्रीय कानून मंत्रालय द्वारा जारी प्रेस बयान में कहा गया है कि:
- यह विधेयक डिजिटल अर्थव्यवस्था में भरोसे को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है।
- डेटा उल्लंघनों को रोकने के लिए इसे बनाया गया है।
- संसदीय बहस में विधेयक के विभिन्न खंडों पर आधारित व्यापक चर्चा हुई।
- व्यक्तिगत जानकारी की परिभाषा, डेटा नियंत्रण, उपयोग और पारदर्शिता की व्यवस्था इसमें शामिल है।
पुष्टि-शुदा आँकड़े
- विधेयक को लोकसभा में 340 मतों से समर्थन मिला, जबकि 30 सदस्यों ने विरोध किया।
- सरकारी अध्ययन के अनुसार, भारत में डेटा उल्लंघनों की संख्या पिछले तीन वर्षों में 25% बढ़ी है।
- यह विधेयक डेटा उल्लंघनों को नियंत्रित करने का प्रयास है।
तत्काल प्रभाव
विधेयक पारित होने के बाद:
- सभी कंपनियों और सरकारी एजेंसियों को व्यक्तिगत डेटा के प्रबंधन और सुरक्षा के लिए नई नियमावली का पालन करना अनिवार्य होगा।
- नागरिकों की डिजिटल निजता बेहतर ढंग से संरक्षित होगी।
- मांग बढ़ेगी और भारत में डिजिटल कारोबार को विश्वास मिलेगा।
- विदेशी निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा।
प्रतिक्रियाएँ
- सरकार ने विधेयक को डिजिटल इंडिया पहल की सफलता बताया।
- विपक्ष के दलों ने कड़े प्रावधानों की मांग की।
- सूचना सुरक्षा विशेषज्ञों ने तकनीकी नियमों की प्रशंसा की और पारदर्शिता बढ़ाने पर जोर दिया।
- उद्योग समूहों ने विधेयक को व्यवसाय हितों के प्रति संतुलित बताया।
- जनता में सकारात्मक प्रतिक्रिया देखी गई है।
आगे क्या?
अगले चरण में:
- राज्यसभा में इस विधेयक पर चर्चा और मतदान होगा।
- विधेयक पारित होने के बाद इसके अनुपालन के लिए अधिसूचना और नियमावली बनाई जाएगी।
- डेटा संरक्षण बोर्ड का गठन शीघ्र किया जाएगा, जो उल्लंघनों की जांच करेगा और नियमों का पालन सुनिश्चित करेगा।
यह विधेयक भारत के डिजिटल कानून में एक ऐतिहासिक कदम माना गया है, जो नागरिकों के डेटा अधिकारों को कानूनी रूप से संरक्षित करेगा।
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