नई दिल्ली में 15 अप्रैल 2024 को लोकसभा ने डेटा संरक्षण विधेयक 2024 को पारित कर दिया है। यह विधेयक नागरिकों के डिजिटल डेटा की सुरक्षा और निजता को सुनिश्चित करता है, जो भारत की तेजी से बढ़ती डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
घटना क्या है?
सरकार ने डेटा संरक्षण विधेयक 2024 प्रस्तुत किया, जिसका उद्देश्य व्यक्तिगत डेटा के संग्रह, उपयोग, और साझा करने पर पर्याप्त नियंत्रण व सुरक्षा प्रदान करना है। यह विधेयक डिजिटल युग में नागरिकों के डेटा की रक्षा के लिए कानूनी आधार स्थापित करता है।
कौन-कौन जुड़े?
विधेयक को सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने पेश किया। संसद के दोनों सदनों में इस पर व्यापक बहस हुई जिसमें विभिन्न राजनीतिक दलों ने अपने सुझाव रखा। इसके अलावा, IT विशेषज्ञों, डेटा सुरक्षा कानून के विद्वानों, तथा उद्योग प्रतिनिधियों ने भी इस विधेयक के मसौदे पर अपना मत दिया है।
आधिकारिक बयान/दस्तावेज़
सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से जारी प्रेस रिलीज़ के अनुसार, विधेयक से डेटा के अनुचित उपयोग के जोखिम को कम करना और डिजिटल बाजार में पारदर्शिता बढ़ाना संभव होगा। सरकार ने बताया कि विधेयक के माध्यम से व्यक्तियों को अपने डेटा पर अधिक अधिकार मिलेंगे।
पुष्टि-शुदा आँकड़े
- केंद्रीय बजट में इस वर्ष डिजिटल सुरक्षा के लिए 1500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
- देश में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या 85 करोड़ से अधिक हो गई है, जिनकी डेटा सुरक्षा इस कानून से प्रभावित होगी।
तत्काल प्रभाव
यह विधेयक पारित होते ही बीमा, वित्त, ई-कॉमर्स, स्वास्थ्य सेवाओं जैसे कई सेक्टरों में डेटा प्रबंधन के नियम सख्त हो जाएंगे। नागरिकों को उनके डेटा के संरक्षण व उपयोग पर अधिक नियंत्रण मिलेगा, जिससे उनकी निजता सुरक्षा बढ़ेगी।
प्रतिक्रियाएँ
सरकार ने इस विधेयक को डिजिटल सुरक्षा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम बताया। विपक्षी दलों ने विधेयक में कुछ खामियाँ बताई हैं जैसे कि डेटा के दुरुपयोग के मामलों में कड़ी कार्रवाई के स्पष्ट प्रावधान। विशेषज्ञों ने कहा कि यह भारत के डिजिटल कानूनों को और सुदृढ़ करेगा। उद्योग जगत ने आमतौर पर इसका स्वागत किया है, लेकिन कुछ ने संशोधन की मांग की है ताकि यह व्यापार के लिए ज्यादा सुविधाजनक रहे।
आगे क्या?
- यह विधेयक अब राज्यसभा में पेश होगा जहां इसे अंतिम रूप दिया जाएगा।
- इसके बाद केंद्र सरकार संबंधित नियमावली बनाने की प्रक्रिया शुरू करेगी ताकि विधेयक को प्रभावी रूप से लागू किया जा सके।
- अगले छह माह में इसके कार्यान्वयन के दिशा-निर्देश घोषित होंगे।
यह विधेयक भारत के डिजिटल भविष्य के लिए मील का पत्थर साबित होगा। ताज़ा अपडेट्स के लिए पढ़ते रहिए Questiqa Bharat।
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