भारतीय संसद की लोकसभा में हाल ही में डेटा संरक्षण विधेयक पारित किया गया, जो डिजिटल युग में नागरिकों के डेटा सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यह एक मील का पत्थर है जो देश के डिजिटलीकरण और व्यक्तिगत गोपनीयता के संदर्भ में लिया गया है।
घटना क्या है?
डेटा संरक्षण विधेयक को लोकसभा में बुधवार को बहुमत के साथ पारित किया गया। विधेयक का उद्देश्य नागरिकों के निजी डेटा की सुरक्षा और व्यक्तिगत जानकारी के दुरुपयोग को रोकना है। इससे पहले यह विधेयक कई बार परित होने की प्रक्रिया में था।
कौन-कौन जुड़े?
विधेयक संसद के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा लाया गया था। इसके निर्माण में निम्नलिखित शामिल थे:
- विशेषज्ञ समिति
- विभिन्न सरकारी विभाग
- राज्य सरकारें
- डिजिटल सुरक्षा विशेषज्ञ
- नागरिक समाज के संगठन
आधिकारिक बयान एवं दस्तावेज़
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने विधेयक पारित होने पर प्रेस रिलीज़ जारी करते हुए कहा कि यह कानून डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा और नागरिकों को अपनी व्यक्तिगत जानकारी के उपयोग पर नियंत्रण प्रदान करेगा। संसद में उपस्थित मंत्री ने कहा कि यह विधेयक भारत को एक मजबूत डेटा सुरक्षा फ्रेमवर्क प्रदान करेगा।
पुष्ट आँकड़े
देश में डिजिटल उपयोगकर्ता संख्या ९० करोड़ से अधिक है, और पिछले पाँच वर्षों में ऑनलाइन गतिविधियों में २५% की वृद्धि हुई है। रिपोर्ट के अनुसार, डेटा उल्लंघन के मामले भी ३०% बढ़े हैं, जो इस कानून की आवश्यकता को दर्शाता है।
तत्काल प्रभाव
विधेयक के पारित होने के बाद:
- डिजिटल कंपनियों को अपनी डेटा प्रक्रिया प्रथाओं का संशोधन करना होगा।
- नागरिकों को अपनी व्यक्तिगत जानकारी के संबंध में शिकायत करने का अधिकार प्राप्त होगा।
- यह कानून बैंकिंग, ई-कॉमर्स, और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर प्रभावी होगा।
प्रतिक्रियाएँ
- सरकार ने इस कदम का स्वागत किया और इसे डिजिटल इंडिया के लिए बड़ा कदम बताया।
- विपक्ष ने कुछ प्रावधानों पर चिंता जताई है, विशेषकर सरकारी निगरानी के बढ़ने को लेकर।
- विशेषज्ञों का कहना है कि कानून से डेटा सुरक्षा में सुधार होगा, लेकिन क्रियान्वयन की पारदर्शिता आवश्यक है।
आगे क्या?
यह विधेयक अब राज्यसभा में विचार के लिए भेजा जाएगा। इसके पारित होने के बाद, एक समर्पित डेटा संरक्षण प्राधिकरण स्थापित किया जाएगा। सरकार ने इसके कार्यान्वयन के लिए ६ महीने की अवधि निर्धारित की है, जिसमें संबंधित प्लेटफॉर्म और विभाग नियमों को अपडेट करेंगे।
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