देश की संसद के लोकसभा सदन में हाल ही में डेटा संरक्षण विधेयक पारित किया गया है, जो नागरिकों के व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कानूनी ढांचा प्रदान करता है। यह विधेयक सूचना प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा प्रस्तुत किया गया था और इसका उद्देश्य देश में डेटा गोपनीयता सुनिश्चित करना है।
घटना क्या है?
यह विधेयक डिजिटल युग में व्यक्तिगत सूचनाओं को लीक होने, दुरूपयोग और बिना अनुमति इस्तेमाल किए जाने से बचाने का प्रयास करता है। इसमें :
- डेटा संग्रह, प्रयोग और भंडारण के नियम निर्धारित किए गए हैं।
- निजी कंपनियों और सरकारी संस्थाओं को कड़े निर्देश दिए गए हैं कि वे उपभोक्ताओं का डेटा कैसे संरक्षण करें।
कौन-कौन जुड़े?
इस विधेयक में निम्नलिखित प्रमुख पक्ष जुड़े हैं:
- केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इसे प्रस्तावित किया।
- डिजिटल प्रशासकीय मंत्री ने लोकसभा में विधेयक पूरी विस्तार से प्रस्तुत किया।
- सरकारी विशेषज्ञ समिति ने मसौदे पर सलाह दी।
- विपक्षी दलों ने कुछ प्रावधानों पर सवाल उठाए, लेकिन अंततः विधेयक पारित हो गया।
आधिकारिक बयान और दस्तावेज़
- सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने बताया कि डेटा संरक्षण प्राधिकरण का गठन किया जाएगा, जो सभी डेटा नियंत्रकों और प्रसंसाधकों की निगरानी करेगा।
- विधेयक में डेटा दुरुपयोग पर भारी जुर्माने और कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है।
- सरकारी वेबसाइट पर इस विधेयक को प्रकाशित कर देश के नागरिक इसे ऑनलाइन देख सकते हैं।
पुष्टि-शुदा आँकड़े
सरकार के आंकड़ों के अनुसार :
- देश में डिजिटल भुगतान, ऑनलाइन पोर्टल और मोबाइल एप उपयोग करने वाले लगभग 60 करोड़ से अधिक उपयोगकर्ता हैं।
- डेटा सुरक्षा की आवश्यकता इसलिए और भी अधिक बढ़ गई है।
- विशेषज्ञों ने माना है कि इस विधेयक के लागू होने से डेटा उल्लंघन के मामलों में 30% तक कमी आएगी।
तत्काल प्रभाव
- कंपनियों को अपने डेटा प्रबंधन के तरीके सुधारने होंगे।
- नागरिकों को अधिक सुरक्षा और पारदर्शिता का आश्वासन मिलेगा।
- वित्तीय बाजारों में इसे सकारात्मक संकेत माना जा रहा है।
- बड़ी आईटी कंपनियां नई नियमावलियों के अनुसार अपनी प्रणालियां अपडेट करेंगी।
प्रतिक्रियाएँ
इस विधेयक को लेकर विभिन्न प्रतिक्रियाएं मिली हैं:
- सरकार ने इसे डिजिटल इंडिया की पहल में बड़ा कदम बताया है।
- विपक्ष ने कुछ सुरक्षात्मक प्रावधानों में सुधार का सुझाव दिया।
- आम जनता ने इसका स्वागत किया है।
- सूचना सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि यह विधेयक ऑनलाइन धोखाधड़ी और साइबर अपराधों को कम करेगा।
- उद्योग संघों ने नए नियमों का स्वागत करते हुए ग्राहकों की गोपनीयता को सर्वोपरि मानने का आश्वासन दिया।
आगे क्या?
- यह विधेयक अब राज्यसभा में पारित करने के लिए भेजा जाएगा।
- इसके बाद राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद कानून के रूप में लागू होगा।
- मई के अंत तक डेटा संरक्षण प्राधिकरण के गठन की योजना बनाई गई है।
- सरकार जागरूकता अभियान भी चलाएगी ताकि आम जनता अपने अधिकार जान सके।
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