27 अप्रैल 2024 को नई दिल्ली में लोकसभा में डेटा संरक्षण विधेयक पारित हो गया है, जो भारत में डिजिटल सुरक्षा को सशक्त बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। यह विधेयक व्यक्तिगत डेटा के संरक्षण को मजबूत करने और ऑनलाइन उपयोगकर्ताओं की निजता सुनिश्चित करने के लक्ष्य से तैयार किया गया है।
घटना क्या है?
इस विधेयक को केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा प्रस्तुत किया गया था। इसके अंतर्गत व्यक्तिगत डेटा के संग्रह, उपयोग और साझा करने के नियम बनाए गए हैं। विधेयक में डेटा पहचानकर्ताओं को उनके अधिकारों से अवगत कराने और डेटा उल्लंघनों पर त्वरित कार्रवाई के प्रावधान शामिल हैं।
कौन-कौन जुड़े?
- केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय
- संसद के दोनों भारतीय सदन
- निजी क्षेत्र की डिजिटल कंपनियां
- डेटा संरक्षण प्राधिकरण (विधेयक के तहत प्रस्तावित)
डेटा संरक्षण प्राधिकरण का गठन नियमन और अनुपालन की निगरानी के लिए किया जाएगा।
आधिकारिक बयान/दस्तावेज़
केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने लोकसभा में विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि यह भारतीय डिजिटल अर्थव्यवस्था को अधिक सुरक्षित और पारदर्शी बनाएगा। संसदीय बहस में विधेयक के विभिन्न प्रावधानों पर चर्चा हुई और विपक्ष ने सुरक्षा संबंधित संशोधनों की मांग की।
पुष्टि-शुदा आँकड़े
- भारत में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या 85 करोड़ से अधिक है।
- सालाना डेटा उपयोग में 20% की वृद्धि हो रही है।
- इस विधेयक के लिए 500 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है।
यह विधेयक भारत के विशाल डेटा नेटवर्क को सुरक्षित रखने में सहायक होगा।
तत्काल प्रभाव
विधेयक पारित होने के बाद निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों में डेटा प्रबंधन के नियम कड़ाई से लागू किए जाएंगे। इससे उपयोगकर्ताओं को अपने डेटा पर अधिक नियंत्रण मिलेगा एवं डिजिटल धोखाधड़ी की घटनाओं में कमी की संभावना है।
प्रतिक्रियाएँ
- सरकार ने इस विधेयक को देश की डिजिटल सुरक्षा के लिए लाभकारी बताया है।
- विपक्ष ने तकनीकी एवं गोपनीयता संबंधी कुछ चिंताओं का उल्लेख किया है।
- विश्लेषकों का मानना है कि यह विधेयक देश के डेटा सुरक्षा इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करेगा।
- उद्योग जगत ने भी इसे सकारात्मक कदम के रूप में स्वीकार किया है।
आगे क्या?
विधेयक पारित होने के बाद राज्य सरकारें और संबंधित विभाग इसके क्रियान्वयन के लिए दिशा-निर्देश जारी करेंगे। अगले छह महीनों में डेटा संरक्षण प्राधिकरण का गठन अपेक्षित है। साथ ही, इस विषय पर व्यापक जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा जिससे जनता को उनके डेटा अधिकारों के बारे में जानकारी मिलेगी।
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