July 21, 2025

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सरकार ने संसद में नागरिक डेटा संरक्षण विधेयक 2024 पेश किया

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केंद्र सरकार ने 10 जून 2024 को संसद के मानसून सत्र में नागरिक डेटा संरक्षण विधेयक 2024 प्रस्तुत किया। यह विधेयक भारत में व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा और गोपनीयता को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। इसका उद्देश्य डिजिटल युग में नागरिकों के डेटा के दुरुपयोग को रोकना और डेटा नियंत्रकों तथा प्रोसेसर्स के लिए नियम निर्धारित करना है।

घटना क्या है?

संचार मंत्रालय और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के संयुक्त प्रयास से तैयार यह विधेयक पहली बार संसद में पेश किया गया। यह पिछले वर्ष जारी व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अध्यादेश का विस्तार है। विधेयक में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि नागरिकों का डेटा केवल उचित उद्देश्य के लिए संग्रहित और उपयोग किया जा सकता है। इसके अंतर्गत डेटा सुरक्षा अधिकारी नियुक्त करना और डेटा उल्लंघनों की रिपोर्टिंग अनिवार्य करना शामिल है।

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कौन-कौन जुड़े?

  • विदेश मंत्रालय
  • गृह मंत्रालय
  • राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार परिषद
  • संसदीय सूचना प्रौद्योगिकी समिति के सदस्य
  • नागरिक अधिकार संगठन
  • उद्योग संघ
  • तकनीकी विशेषज्ञ

ये सभी विधेयक की समीक्षा और प्रतिक्रिया में सम्मिलित हैं।

आधिकारिक बयान और दस्तावेज़

सरकार ने कहा कि यह विधेयक राष्ट्रीय डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए आवश्यक है। दस्तावेज़ों में बताया गया कि 2022 में भारत में डिजिटल डेटा की मात्रा में 40 प्रतिशत वृद्धि हुई है, जिससे डेटा सुरक्षा नियमों की जरूरत बढ़ी है। विधेयक पारित होने पर डेटा उल्लंघन पर 15 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकेगा।

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पुष्टि-शुदा आँकड़े

  • 2023 में डेटा उल्लंघन की घटनाओं में 20% की वृद्धि
  • लगभग 70 करोड़ इंटरनेट उपयोगकर्ता भारत में
  • डेटा संकलन और भंडारण पर 25% का नियमन
  • नागरिकों को अपने डेटा पर नियंत्रण देने का प्रावधान

तत्काल प्रभाव

विधेयक के संसद में प्रस्तुत होने के बाद डिजिटल कंपनियां अपनी नीतियां पुनरीक्षित कर रही हैं। निवेशकों में डेटा सुरक्षा के प्रति विश्वास बढ़ा है। आम नागरिकों को उम्मीद है कि यह विधेयक उनके निजी जीवन की रक्षा करेगा और छुपा डेटा दुरुपयोग कम करेगा।

प्रतिक्रियाएँ

  1. सरकार ने इसे एक सुरक्षित डिजिटल राष्ट्र बनाने का महत्वपूर्ण कदम बताया।
  2. विपक्ष ने नागरिक स्वतंत्रताओं पर संभावित प्रतिबंधों को लेकर आलोचना की।
  3. तकनीकी विश्लेषकों ने व्यापक जन जागरूकता और उचित तकनीकी संसाधन की आवश्यकता पर जोर दिया।
  4. उद्योग संघों ने कुछ प्रावधानों में सुधार की मांग की है ताकि व्यापार में बाधा न आए।

आगे क्या?

विधेयक अब संसद के दोनों सदनों में चर्चा और संशोधन के लिए जाएगा। सरकार ने इसका जल्द पारित होने का लक्ष्य रखा है ताकि देश में डिजिटल सुरक्षा को मजबूती दी जा सके। अगली कार्यवाही 15 जून 2024 को संसदीय समिति की बैठक में होगी।

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