नई दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट ने किसानों के हित में एक महत्वपूर्ण निर्णय सुनाया है, जो जुलाई 2024 में आया। यह फैसला कृषि क्षेत्र में जल संसाधनों के संरक्षण और उचित उपयोग से जुड़ा है, जिससे किसानों को स्थायी लाभ मिलेगा और जल संकट के समाधान में मदद होगी।
घटना क्या है?
सुप्रीम कोर्ट ने किसानों को सिंचाई के लिए जल संसाधनों का स्थायी और न्यायसंगत उपयोग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। अदालत ने केंद्र सरकार, राज्य सरकारों और जल प्रबंधन निकायों को ठोस कदम उठाने का आदेश दिया है। यह निर्णय कृषि क्षेत्र और जल संकट के बीच संतुलन बनाने का प्रयास है।
कौन-कौन जुड़े?
इस मामले में जुड़े प्रमुख पक्ष हैं:
- सुप्रीम कोर्ट
- जल संसाधन मंत्रालय
- कृषि मंत्रालय
- विभिन्न राज्य सरकारें
- किसान संगठन
केंद्र सरकार ने बताया कि जल संरक्षण के कई योजनाएं पहले से लागू हैं, जैसे प्रधानमंत्री किसान जल संरक्षण योजना। राज्यों ने भी कई कार्यक्रम चलाए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने बेहतर समन्वय को आवश्यक बताया है।
घटनाक्रम की समयरेखा
- मार्च 2024: जल संकट और सिंचाई प्रणाली की स्थिति पर याचिका दाखिल हुई।
- अप्रैल 2024: केंद्र व राज्य सरकारों ने रिपोर्ट प्रस्तुत की।
- जुलाई 2024: सुप्रीम कोर्ट ने अंतिम निर्णय प्रकाशित किया।
आधिकारिक बयान/दस्तावेज़
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा है कि कृषि के लिए जल उपयोग संरक्षित एवं न्यायसंगत होना चाहिए, जिससे किसान और पर्यावरण दोनों को लाभ होगा। जल संसाधन मंत्रालय ने इस फैसले का समर्थन किया और बताया कि यह कदम किसानों की आय बढ़ाने और जल संरक्षण के लिए निर्णायक होगा।
पुष्टि-शुदा आंकड़े
- भारत में करीब 80% कृषि जल उपयोग सिंचाई के लिए होता है।
- 40% जल सिंचाई में बर्बाद हो जाता है।
- सुप्रीम कोर्ट ने जल संरक्षण योजनाओं के लिए 10,000 करोड़ रुपए बजट आवंटित करने की सिफारिश की है।
तात्कालिक प्रभाव
निर्णय के बाद कई राज्य सरकारें जल संरक्षण योजनाओं को तेज़ कर रही हैं। किसानों को जल संरक्षण के उपाय अपनाने हेतु प्रशिक्षण और सहायता दी जा रही है। जल उपयोग में सुधार से कृषि उत्पादन और ग्रामीण आय में सकारात्मक प्रभाव की उम्मीद है।
प्रतिक्रियाएँ
- सरकार ने फैसले का स्वागत किया और इसे कृषि सुधार के लिए मददगार बताया।
- विपक्षी दलों ने भी इस कदम को सही माना।
- विशेषज्ञों ने इसे जल संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण संकेत बताया।
- किसान संगठन इसे किसानों के हित में बढ़ावा मान रहे हैं।
आगे क्या?
सरकार ने अगले छह महीनों में जल उपयोग और संरक्षण की स्थिति पर समीक्षा रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आश्वासन दिया है। अगली सुनवाई दिसंबर 2024 में होगी, जिसमें योजना के प्रभाव का मूल्यांकन किया जाएगा।
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