सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में पर्यावरण संरक्षण को लेकर एक महत्वपूर्ण निर्णय सुनाया है, जो देश के प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण में एक मील का पत्थर साबित होगा। यह निर्णय 15 जून 2024 को दिल्ली में सुना गया और इसे पर्यावरणीय न्यायपालिका के क्षेत्र में एक निर्णायक कदम माना जा रहा है।
घटना क्या है?
सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरण से जुड़े मामलों में सख्ती से नियमों के पालन को अनिवार्य कर दिया है। कोर्ट के अनुसार, पर्यावरणीय असंतुलन रोकने के लिए कड़े नियम बनाए जाएंगे और राज्य सरकारों तथा केंद्रीय विभागों को उनकी पालना सुनिश्चित करनी होगी। इस फैसले के अंतर्गत अवैध कटाई और प्रदूषण नियंत्रण के मामलों की विशेष निगरानी बढ़ाई जाएगी।
कौन-कौन जुड़े?
- सुप्रीम कोर्ट
- केंद्र सरकार का पर्यावरण मंत्रालय
- संबंधित राज्य सरकारें
- सामाजिक एवं पर्यावरणीय संगठन
पर्यावरण मंत्रालय को निर्देश दिया गया है कि वह निर्धारित समय-सीमा में नवीन नियमावली विकसित करे। कई सामाजिक एवं पर्यावरणीय संगठन इस फैसले के पक्ष में हैं।
आधिकारिक बयान और दस्तावेज़
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर प्रकाशित अधिसूचना में बताया गया है कि यह निर्णय 2019 की पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत लिया गया है। पर्यावरण मंत्रालय ने प्रेस रिलीज़ में इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह भारत में सतत विकास को बढ़ावा देगा।
पुष्टि-शुदा आँकड़े
- पिछले पाँच वर्षों में पर्यावरण से जुड़े अपराधों में 25% की वृद्धि हुई है।
- नए दिशा-निर्देशों के बाद इन अपराधों में कमी आने की उम्मीद है।
- केंद्रीय बजट में 10,000 करोड़ रुपये पर्यावरण संरक्षण के लिए आवंटित किए गए हैं, जो पिछले वर्ष से 15% अधिक हैं।
तत्काल प्रभाव
इस निर्णय का प्रभाव निर्माण कंपनियों, उद्योगपतियों तथा नागरिकों पर पड़ेगा। अब सभी परियोजनाओं के लिए पर्यावरणीय मंजूरी और निगरानी कड़ी होगी, जिससे प्रदूषण स्तर में कमी आ सकती है और प्राकृतिक संसाधनों का बेहतर संरक्षण संभव होगा।
प्रतिक्रियाएँ
- सरकार ने इस फैसले का स्वागत किया और इसे विकास के साथ पर्यावरण संतुलन के लिए आवश्यक कदम बताया।
- विपक्षी दलों ने भी फैसले की सराहना की।
- पर्यावरण विशेषज्ञों ने इसे एक सकारात्मक संकेत कहा।
- व्यापारिक संगठनों ने अनुपालन में अतिरिक्त लागत का सामना करने की संभावना जताई।
आगे क्या?
- सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि अगले छह महीनों में पर्यावरण मंत्रालय अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करे।
- उसके बाद विस्तृत कार्ययोजना बनाई जाएगी।
- अन्य राज्यों को भी पर्यावरण संरक्षण के लिए कदम उठाने का आह्वान किया गया है।
यह फैसला पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में एक नई दिशा तय करेगा और भारत को सतत विकास के लक्ष्य की ओर अग्रसर करेगा। ताज़ा अपडेट्स के लिए पढ़ते रहिए Questiqa Bharat।
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