सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में भारतीय संगीतकार और गायक भूपेन हजारिका के संगीत अधिकारों को लेकर एक महत्वपूर्ण न्यायिक आदेश जारी किया है। यह फैसला 20 अप्रैल 2024 को नई दिल्ली में सुनाया गया, जो भारतीय संगीत और कॉपीराइट कानून की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
घटना क्या है?
भारतीय संगीत क्षेत्र में विशिष्ट स्थान रखने वाले भूपेन हजारिका के संगीत अधिकारों को लेकर कई वर्षों से विवाद चल रहा था। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने संगीत अधिकारों की सुरक्षा को लेकर एक निर्णायक आदेश देकर यह स्पष्ट किया कि कलाकारों के बौद्धिक संपदा अधिकारों का सम्मान और संरक्षण कितना महत्वपूर्ण है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के तहत भूपेन हजारिका के संगीत और गानों के अवैध उपयोग पर प्रतिबंध लगाया गया है।
कौन-कौन जुड़े?
- सुप्रीम कोर्ट (मुख्य पक्ष)
- संगीत से जुड़ी कंपनियां
- कलाकारों के परिवार
- कॉपीराइट विभाग
- संस्कृति मंत्रालय
- प्रतिभा संरक्षण से जुड़े सामाजिक संगठन
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, संबंधित अधिकार धारक को उनके संगीत का उचित वित्तीय लाभ देने पर बल दिया गया है।
आधिकारिक बयान/दस्तावेज़
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर उपलब्ध आदेश में स्पष्ट किया गया है कि कलाकारों के संगीत अधिकारों का उल्लंघन आईपी (बौद्धिक संपदा) कानून के तहत अपराध माना जाएगा। संसदीय समिति ने भी हाल में कॉपीराइट कानून में कड़े प्रावधानों की सिफारिश की थी, जिसे सरकार ने सकारात्मक रूप से स्वीकार किया है।
संस्कृति मंत्रालय ने प्रेस रिलीज में कहा कि यह फैसला कलाकारों के अधिकारों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण उदाहरण होगा।
पुष्टि-शुदा आँकड़े
- संगीत उद्योग के सरकारी आंकड़ों के अनुसार, बौद्धिक संपदा उल्लंघन के कारण भारत में वार्षिक लगभग 15 प्रतिशत राजस्व की कमी होती है।
- सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद उम्मीद जताई गई है कि कॉपीराइट उल्लंघन में कमी आएगी।
- संगीतकारों को मिलने वाली आय में 10 से 15 प्रतिशत तक सुधार होगा।
तत्काल प्रभाव
इस आदेश के बाद भारतीय संगीत कंपनियों और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर कड़ी निगरानी बढ़ाई गई है। अवैध रूप से भूपेन हजारिका के संगीत और गीतों को डाउनलोड या स्ट्रीम करने वालों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
सामान्य नागरिकों को भी कॉपीराइट कानूनों के प्रति जागरूक किया जा रहा है।
बाजार में इस फैसले के साथ संगीत उद्योग की विश्वसनीयता और वित्तीय मजबूती में वृद्धि की उम्मीद है।
प्रतिक्रियाएँ
- सरकार ने इस फैसले का स्वागत करते हुए इसे संगीत क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक निर्णय बताया है।
- विपक्षी दलों ने भी संगीतकारों के अधिकारों की सुरक्षा पर सहमति व्यक्त की है।
- विशेषज्ञों के अनुसार, यह निर्णय बौद्धिक संपदा अधिकारों के संरक्षण में एक मजबूत मिसाल कायम करेगा।
- कई सामाजिक कलाकार संगठनों ने भी इस फैसले को संगीतकारों को सम्मान और न्याय दिलाने वाला बताया है।
आगे क्या?
- सरकार ने कॉपीराइट नियमों को और प्रभावी बनाने के लिए नियमावली सुधारने की योजना बनाई है।
- सुप्रीम कोर्ट ने संबंधित एजेंसियों को आदेश दिया है कि वे आगे के उल्लंघनों की निगरानी कड़ी करें।
- डिजिटल प्लेटफॉर्म और संगीत कंपनियों के लिए नई नियमावली बनाने की प्रक्रिया जारी है।
- नए नियम अगले छः माह में लागू करने की संभावना है।
सुप्रीम कोर्ट का भूपेन हजारिका के संगीत अधिकारों से सम्बंधित यह आदेश भारत के सांस्कृतिक और कानूनी इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। यह फैसला न केवल कॉपीराइट संरक्षण को मजबूत करेगा बल्कि संगीतकारों के आर्थिक हितों की रक्षा भी सुनिश्चित करेगा।
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