हरियाणा के सोनीपत जिले में अवैध बालू खनन के कारण यमुना नदी के प्रवाह मार्ग में बदलाव देखने को मिला है। अवैध उत्खनन से नदी के पारिस्थितिक तंत्र पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है, जिससे जल स्तर में कमी और बाढ़ का खतरा बढ़ रहा है। स्थानीय प्रशासन द्वारा बालू खनन पर नियंत्रण लगाने के प्रयास जारी हैं, ताकि प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
अवैध बालू खनन के प्रभाव
- यमुना का रास्ता बदला: नदी के बहाव में हस्तक्षेप से प्राकृतिक मार्ग बदलने लगे हैं।
- पर्यावरणीय नुकसान: नदी के आसपास की ज़मीन कटने और जीव-जंतुओं के आवास को नुकसान पहुंचा है।
- जल संसाधन प्रभावित: पानी की गुणवत्ता और मात्रा दोनों में गिरावट आई है।
स्थानीय प्रशासन की भूमिका
- अवैध बालू खनन के खिलाफ सख्त कार्रवाई।
- नदी संरक्षण के लिए नीतियाँ बनाना।
- स्थानीय लोगों को जागरूक करना।
इस समस्या के समाधान के लिए सहयोग और समन्वय आवश्यक है ताकि यमुना नदी का प्राकृतिक प्रवाह पुनः स्थापित किया जा सके और सोनीपत क्षेत्र का पर्यावरण बचाया जा सके।
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