हाल ही में कुनमिंग में बांग्लादेश, पाकिस्तान और चीन के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संघ (SAARC) की जगह एक नया क्षेत्रीय समूह बनाने पर चर्चा की गई। यह कदम क्षेत्रीय राजनीति में एक बड़ा बदलाव माना जा रहा है। बांग्लादेश ने प्रधानमंत्री शीखा हासिना के बाद धीरे-धीरे चीन की ओर अपना झुकाव बढ़ाना शुरू कर दिया है, जो भारत के लिए चिंता का विषय बन गया है।
कुनमिंग बैठक के मुख्य बिंदु
- दक्षिण एशिया में आर्थिक और रणनीतिक सहयोग को मजबूत करने की कोशिश।
- नए क्षेत्रीय समूह के उद्देश्यों और संरचना पर गहन विचार-विमर्श।
- भारत इस नए विकास को अपने क्षेत्रीय प्रभाव के लिए चुनौती के रूप में देख रहा है।
भारत और बांग्लादेश के संबंधों पर प्रभाव
विशेषज्ञों का मानना है कि इस नए क्षेत्रीय समूह के गठन से दक्षिण एशियाई देशों के बीच सहयोग का नया युग शुरू हो सकता है, लेकिन इसके साथ ही भारत-बांग्लादेश के पारंपरिक और मजबूत संबंधों पर भी असर पड़ सकता है। यह राजनीतिक बदलाव क्षेत्रीय संतुलन को प्रभावित कर सकता है।
संक्षेप में
- कुनमिंग में बांग्लादेश, पाकिस्तान और चीन ने नए क्षेत्रीय समूह बनाने पर विचार किया।
- बांग्लादेश ने चीन की ओर अपने झुकाव को बढ़ाया है।
- भारत इस बदलाव को अपने क्षेत्रीय प्रभाव के लिए चुनौती मान रहा है।
- यह नए समूह से क्षेत्रीय सहयोग तो बढ़ेगा, लेकिन पारंपरिक संबंध प्रभावित हो सकते हैं।
यह राजनीतिक और आर्थिक बदलाव दक्षिण एशिया के भू-राजनीतिक परिदृश्य में एक नई दिशा देने की संभावना रखते हैं।
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