हर वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है, जो हिंदी भाषा के प्रति सम्मान और उसकी वैश्विक पहुँच को उजागर करता है। वर्ष 2025 का हिंदी दिवस भी 14 सितंबर को पूरे देश और विश्व भर में विभिन्न कार्यक्रमों के साथ मनाया गया। यह दिवस हिंदी भाषा की सांस्कृतिक, सामाजिक तथा राष्ट्रीय महत्ता पर प्रकाश डालता है।
घटना क्या है?
हिंदी दिवस का आयोजन 14 सितंबर को किया जाता है, ताकि हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार को बढ़ावा मिले और इसके वैश्विक महत्व को समझाया जा सके। वर्ष 2025 के हिंदी दिवस पर विभिन्न संस्थानों, शैक्षणिक केंद्रों और सामाजिक संगठनों ने हिंदी भाषा की भूमिका पर चर्चा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए। इस दिन हिंदी भाषा के विकास एवं प्रसार के लिए विभिन्न शुभकामनाएँ, उद्धरण, और संदेश साझा किए गए।
कौन-कौन जुड़े?
- केंद्रीय हिंदी संस्थान
- राज्य सरकारें
- शैक्षणिक संस्थान
- साहित्यिक संगठन
- आम जनता
- सूचना और प्रसारण मंत्रालय
- भाषा विभाग
- भारतीय सांस्कृतिक संगठन
- मीडिया हाउस
उपरोक्त निकायों और संगठनों ने हिंदी दिवस के आयोजन में सक्रिय सहयोग दिया। साथ ही, प्रधानमंत्री और अन्य केंद्रीय मंत्रियों के बधाई संदेश भी जारी किए गए।
आधिकारिक बयान और कार्यक्रम
केन्द्रीय हिंदी संस्थान के अध्यक्ष ने कहा कि हिंदी विश्व की प्रमुख भाषाओं में शामिल हो चुकी है और इसका प्रसार निरंतर बढ़ रहा है। सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने प्रेस रिलीज जारी कर बताया कि इस वर्ष हिंदी दिवस पर ‘हिंदी वैश्विक संवाद’ विषय पर ऑनलाइन सेमिनार आयोजित किया गया, जिसमें देश-विदेश के विशेषज्ञों ने भाग लिया।
आंकड़ों की बात करें तो
भारत सरकार के भाषा विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, हिंदी बोलने वाले लोगों की संख्या भारत में अब 50 करोड़ से अधिक है। इसके अलावा, विश्व स्तर पर हिंदी साहित्य व संस्कृति का प्रसार भी लगातार बढ़ रहा है।
तत्काल प्रभाव
हिंदी दिवस के माध्यम से हिंदी भाषा के प्रति राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक गर्व की भावना प्रबल होती है। यह दिन हिंदी को वैश्विक मंच पर सशक्त बनाने के लिए नीतिगत समर्थन और जनजागरण को बढ़ावा देता है। इसके परिणामस्वरूप सरकारी कार्यालयों, शैक्षणिक संस्थानों में हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा मिला है।
प्रतिक्रियाएँ
- सरकार ने भाषा को सशक्त बनाने के लिए नई नीतिगत पहल की घोषणा की है।
- विपक्षी दलों ने हिंदी के महत्व को स्वीकारते हुए स्थानीय भाषाओं के साथ संतुलन पर चर्चा की।
- भाषा विशेषज्ञों ने हिंदी के तकनीकी और डिजिटल विस्तार की आवश्यकता पर बल दिया।
- जनता और छात्र भी हिंदी दिवस पर उत्साहपूर्वक भागीदारी दर्ज करा रहे हैं।
आगे क्या?
आगामी वर्षों में हिंदी की शिक्षा और सांस्कृतिक कार्यक्रमों को और व्यापक बनाने के लिए केंद्रीय और राज्य सरकारें नई योजनाएँ बना रही हैं। डिजिटल प्लेटफॉर्म पर हिंदी की पहुंच बढ़ाने के लिए विशेष अभियान शुरू किए जाएंगे। हिंदी दिवस 2026 को लेकर भी देशभर में व्यापक तैयारी जारी है।
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