1957 में बनी हिंदी सिनेमा की अमर कृति ‘प्यासा’, गुरु दत्त द्वारा निर्देशित, एक ऐसे कवि की कहानी प्रस्तुत करती है जिसे समाज की कठोर अनदेखी का सामना करना पड़ता है। यह फिल्म सामाजिक अलगाव और खोए हुए सपनों के विषयों को बारीकी से दर्शाती है।
इसमें की गई अभिव्यक्ति और संगीत आज भी उन दर्शकों के दिलों को छूता है जो सच्चे मानवीय भावनाओं से जुड़ी फिल्मों को पसंद करते हैं। गुरु दत्त की इस फिल्म में:
- भावनात्मक गहराई है,
- अभिनय कौशल की विशेषता है,
- जो इसे बॉलीवुड की यादगार फिल्मों में शामिल करता है।
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