नई दिल्ली, 13 फरवरी, 2025 –
संसद के बजट सत्र में गुरुवार को विपक्ष द्वारा वक्फ संशोधन विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट को स्वीकार करने के खिलाफ जोरदार विरोध के कारण अशांति देखी गई। कार्यवाही के दौरान स्पीकर जगदीप धनखड़ को कई बार हस्तक्षेप करना पड़ा, लेकिन सामान्य स्थिति बनाए रखने के उनके आह्वान पर कोई असर नहीं पड़ा, जिसके कारण सभी सत्र स्थगित कर दिए गए।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने जेपीसी रिपोर्ट की बहुत मुखर आलोचना की। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में विरोधी दृष्टिकोणों को पूरी तरह से छोड़ दिया गया है, जिसे उन्होंने निंदनीय बताया। “हम इन फर्जी रिपोर्टों को बर्दाश्त नहीं करेंगे। यह लोकतंत्र विरोधी है। उन नोटों को हटाना और हमारे विचारों को दबाना सही नहीं है।” खड़गे ने कहा कि रिपोर्ट को अलग रख कर फिर से तैयार किया जाना चाहिए।
विपक्षी सदस्यों की तीखी नारेबाजी के कारण राज्यसभा को 10 मिनट के लिए स्थगित करना पड़ा, लेकिन कुछ ही देर बाद संसद फिर से शुरू हो गई। लोकसभा में भी यही स्थिति रही, जिसके कारण सभी सत्र दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दिए गए।
जेपीसी के अध्यक्ष और भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने रिपोर्ट के समर्थन में कहा कि समिति ने पिछले छह महीनों में काफी प्रयास किए हैं। पाल ने कहा, “कुछ सदस्यों ने कुछ आपत्तियां उठाई हैं, लेकिन उनके असहमति नोट भी परिशिष्ट में हैं।” पाल ने विस्तार से बताया, “हमने पूरे देश का दौरा करने और हितधारकों से परामर्श करने के बाद चौदह खंडों में पच्चीस संशोधन अपनाए हैं।”
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने भी विधेयक को लेकर सरकार के रवैये पर सवाल उठाए और कहा कि संसद में चर्चा से इसकी तैयारी की कमी सामने आएगी।
वक्फ संशोधन विधेयक एक विवादास्पद मुद्दा बना हुआ है, विपक्ष ने जेपीसी की रिपोर्ट में प्रक्रियागत अनियमितताओं का आरोप लगाया है। चूंकि दोनों सदनों में बजट सत्र जारी है, इसलिए विधेयक पर आगे भी बहस और व्यवधान की उम्मीद है।
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