नई दिल्ली, 19 अप्रैल : देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ पर न्यायिक प्रक्रिया में “अतिसक्रियता” का आरोप लगाते हुए सेवानिवृत्त न्यायाधीश राकेश कुमार ने राष्ट्रपति को शिकायत पत्र भेजा है। इसमें उन्होंने सीबीआई जांच की मांग की है।
न्यायमूर्ति राकेश कुमार, जो पटना हाई कोर्ट में कार्यरत थे, उनका आरोप है कि जस्टिस चंद्रचूड़ ने तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत याचिका की सुनवाई के लिए अवकाश के दिन दो बार विशेष पीठ गठित की, जो असामान्य है। उनका कहना है कि यह कदम न्यायिक प्रक्रिया की स्वाभाविकता पर सवाल उठाता है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में मामलों को सूचीबद्ध करने और सुनवाई के लिए उपयुक्त पीठ निर्धारित करने का अधिकार मुख्य न्यायाधीश के पास होता है। कई बार अर्जेंट मामलों की सुनवाई छुट्टियों में भी होती रही है।
पूर्व न्यायाधीश राकेश कुमार ने यह पत्र राष्ट्रपति को 8 नवंबर 2024 को भेजा था, दो दिन पहले ही जब जस्टिस चंद्रचूड़ अपने पद से सेवानिवृत्त हुए थे। उन्होंने एक मीडिया बातचीत में शिकायत की पुष्टि करते हुए कहा कि उनका उद्देश्य आदेशों पर सवाल उठाना नहीं, बल्कि पीठ गठन की “त्वरित सक्रियता” की जांच कराना है।राकेश कुमार वही जज हैं जिन्होंने 2019 में पटना हाई कोर्ट में कार्यकाल के दौरान न्यायपालिका में कथित भ्रष्टाचार पर टिप्पणी की थी, जिसके बाद उनका स्थानांतरण आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट में कर दिया गया था।
राष्ट्रपति को भेजी गई यह शिकायत अब कानून मंत्रालय के माध्यम से आगे की कार्रवाई के लिए भेजी गई है।
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