17 मई, शनिवार
छत्तीसगढ़ सरकार ने ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में आवागमन को बेहतर बनाने के लिए “मुख्यमंत्री ग्रामीण बस सेवा योजना” शुरू की है। यह योजना खासकर बस्तर और सरगुजा जैसे क्षेत्रों के लोगों को राहत देगी। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस योजना को मंजूरी दी गई। इसका उद्देश्य गांवों और शहरों के बीच की दूरी को कम करना और ग्रामीण लोगों के लिए सुरक्षित व सुलभ यात्रा सुनिश्चित करना है।इस योजना के तहत 18 से 42 सीटों (ड्राइवर को छोड़कर) की क्षमता वाले लाइट और मीडियम पैसेंजर वाहन चलाए जा सकेंगे। राज्य और जिला स्तर पर कमेटियां नई ग्रामीण रूट्स की पहचान करेंगी।
स्थानीय लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी, खासतौर पर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, महिलाएं और नक्सल प्रभावित लोग। लाभार्थियों का चयन पारदर्शी टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा।
इस योजना के तहत बस संचालन करने वाले वाहन मालिकों को पहले परमिट मिलने की तारीख से तीन साल तक मासिक टैक्स में पूरी छूट मिलेगी। राज्य सरकार ऑपरेटरों को प्रति किलोमीटर ₹26 पहले साल, ₹24 दूसरे साल और ₹22 तीसरे साल देगी।
दृष्टिहीन, मानसिक रूप से असमर्थ, चलने में असमर्थ, 80 वर्ष या उससे अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिक, और एड्स से पीड़ित लोगों को पूरी यात्रा निःशुल्क मिलेगी, उनके साथ एक सहायक को भी यह सुविधा मिलेगी। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को 50% किराए में छूट दी जाएगी।
योजना की शुरुआत में करीब 100 ग्रामीण रूट्स पर बसें चलाई जाएंगी। इसके लिए राज्य सरकार ने ₹25 करोड़ का बजट तय किया है।
योजना से क्या होगा फायदा?
यह योजना किसानों, मजदूरों, छात्रों, छोटे व्यापारियों और गांवों में रहने वाले लोगों के लिए काफी फायदेमंद साबित होगी। इससे वे जिला, तहसील और ब्लॉक मुख्यालय तक आसानी से पहुंच सकेंगे। इससे शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के अवसरों तक बेहतर पहुंच होगी, जिससे छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों का समग्र विकास होगा।
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