भारत सरकार का गृह मंत्रालय (MHA) अवैध रूप से भारत में रह रहे बांग्लादेश और म्यांमार के नागरिकों की पहचान और दस्तावेज़ सत्यापन के लिए सख्त कदम उठा रहा है। इस उद्देश्य से, मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि वे ऐसे प्रवासियों की पहचान कर उनके दस्तावेज़ों की जांच 30 दिनों के भीतर पूरी करें।
मुख्य उद्देश्य और दिशा-निर्देश
गृह मंत्रालय का यह कदम देश की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने और अवैध प्रवासियों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। इस पहल के तहत, राज्यों को निम्नलिखित कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं:
अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेश और म्यांमार के नागरिकों की पहचान करना।
उनके दस्तावेज़ों की सत्यता की जांच करना।
जिन्होंने अवैध रूप से भारतीय पहचान पत्र जैसे आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र आदि प्राप्त किए हैं, उनकी पहचान करना और संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई करना।
राज्यों में चल रही कार्रवाई
कई राज्य सरकारें इस दिशा में सक्रिय रूप से कार्य कर रही हैं:
राज्य सरकार ने अवैध बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान और उन्हें वापस भेजने के लिए व्यापक अभियान शुरू किया है। विशेष कार्य बल (STF) समुद्री पुलिस, भारतीय तटरक्षक बल और रेलवे सुरक्षा बल के साथ मिलकर संभावित घुसपैठ के मार्गों की निगरानी कर रहा है। 2021 तक, राज्य में 3,740 अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों की पहचान की गई थी, जिनमें से अधिकांश केंद्रपाड़ा, जगतसिंहपुर और मलकानगिरी जिलों में पाए गए थे।
राज्य सरकार म्यांमार से आए 33,000 से अधिक शरणार्थियों का बायोमेट्रिक डेटा एकत्र करने की तैयारी कर रही है। हालांकि, मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने विधानसभा में कहा कि राज्य म्यांमार और बांग्लादेश के शरणार्थियों का बायोमेट्रिक डेटा एकत्र नहीं करेगा।
सुरक्षा चिंताएं और भविष्य की योजना
अवैध प्रवासियों की उपस्थिति से देश की आंतरिक सुरक्षा पर खतरा मंडरा रहा है। बंगाल के भाजपा सांसद समिक भट्टाचार्य ने राज्यसभा में कहा कि बांग्लादेश और म्यांमार से आए अवैध प्रवासी देश की सुरक्षा के लिए खतरा हैं।
गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को निर्देश दिया है कि वे अवैध प्रवासियों की पहचान कर उनके दस्तावेज़ों की जांच 30 दिनों के भीतर पूरी करें। इसके अलावा, जिन लोगों ने अवैध प्रवासियों को भारतीय पहचान पत्र प्राप्त करने में मदद की है, उनकी भी पहचान कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
गृह मंत्रालय का यह कदम देश की सुरक्षा को मजबूत करने और अवैध प्रवासियों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। राज्य सरकारों को इस दिशा में सक्रिय रूप से कार्य करना चाहिए ताकि देश की आंतरिक सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके।
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