नई दिल्ली: अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) द्वारा पाकिस्तान के लिए कड़ी शर्तें रखे जाने पर भारत ने स्वागत किया है और साथ ही इस मदद को मिलने के समय पर सवाल उठाए हैं। सूत्रों के अनुसार, IMF ने पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए सख्त वित्तीय नियम लागू किए हैं, जो देश की वित्तीय स्थिरता के लिए अनिवार्य बताए गए हैं।
सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान अपने सामान्य बजट का करीब 18 प्रतिशत रक्षा खर्च पर खर्च करता है, जो कि संघर्ष प्रभावित देशों की तुलना में बहुत अधिक है, जहां यह खर्च 10 से 14 प्रतिशत के बीच होता है। यह उच्च रक्षा बजट पाकिस्तान की आर्थिक चुनौतियों के बीच सवाल खड़े करता है कि क्या वित्तीय सहायता के लिए सही समय है या नहीं।
भारत ने IMF की कड़ी शर्तों का स्वागत करते हुए पाकिस्तान की रक्षा खर्ची पर ध्यान आकर्षित किया है, जो आर्थिक सुधार की राह में बाधा बन सकता है।
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