नई दिल्ली: भारत की अर्थव्यवस्था ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में 6.5% की बढ़ोतरी दर्ज की है। यह वृद्धि पिछले वर्ष की 9.2% वृद्धि से थोड़ी धीमी जरूर है, लेकिन यह भारत को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बनाए रखती है। विशेषज्ञों ने इस वर्ष आर्थिक वृद्धि को लेकर अपेक्षाएँ जताई थीं, लेकिन भारत ने उन सभी पूर्वानुमानों को पार करते हुए मजबूती दिखाई है।
आर्थिक वृद्धि का यह आंकड़ा देश की मौजूदा नीतियों और आर्थिक सुधारों की सफलता को दर्शाता है। विभिन्न क्षेत्रों में निवेश और उपभोग में बढ़ोतरी ने इस विकास में अहम भूमिका निभाई है। वैश्विक मंदी और अन्य अर्थव्यवस्थाओं की धीमी वृद्धि के बावजूद भारत ने अभूतपूर्व प्रदर्शन किया है।
सरकार ने इस समृद्धि को बनाए रखने के लिए निम्नलिखित क्षेत्रों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया है:
- निवेश
- डिजिटलीकरण
- स्वरोजगार
- रोजगार सृजन
- आधारभूत संरचना विकास
भारत की यह उपलब्धि न केवल देश की आर्थिक मजबूती को दर्शाती है, बल्कि वैश्विक स्तर पर उसकी प्रतिस्पर्धा क्षमता को भी बढ़ाती है। आगे आने वाले वित्तीय वर्षों में भी यह रफ्तार बरकरार रखने की उम्मीद जताई जा रही है।
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