भारत के नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने हाल ही में तुर्कीश एयरलाइंस की उड़ानों पर अचानक निरीक्षण किया, जिसमें कई सुरक्षा उल्लंघन पाए गए। इनमें सबसे गंभीर मामला एक उड़ान में विस्फोटकों को बिना उचित घोषणा के ले जाना था। DGCA ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है और तुर्कीश एयरलाइंस को सभी नियमों का पालन करने का निर्देश दिया है।
DGCA ने दिल्ली, हैदराबाद, चेन्नई और बेंगलुरु हवाई अड्डों पर तुर्कीश एयरलाइंस की यात्री और कार्गो उड़ानों का निरीक्षण किया। इन निरीक्षणों का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय विमानन सुरक्षा मानकों के पालन की जांच करना था। निरीक्षणों के दौरान कई गंभीर उल्लंघन सामने आए।
प्रमुख उल्लंघन
- विस्फोटकों का बिना घोषणा के परिवहन: एक उड़ान में कार्गो में ऐसे खतरनाक सामान पाए गए जिनके लिए DGCA से विशेष अनुमति आवश्यक होती है, लेकिन न तो अनुमति ली गई थी और न ही कार्गो घोषणा में इसका उल्लेख था।
- प्रशिक्षित कर्मियों की अनुपस्थिति: बेंगलुरु हवाई अड्डे पर, विमान के आगमन पर आवश्यक विमान रखरखाव अभियंता (AME) मौजूद नहीं थे, और एक तकनीशियन ने यह कार्य किया, जो सुरक्षा मानकों के खिलाफ है।
- ग्राउंड हैंडलिंग में खामियां: हैदराबाद और बेंगलुरु में, तुर्कीश एयरलाइंस और उसके ग्राउंड हैंडलिंग एजेंट के बीच कोई औपचारिक सेवा स्तर समझौता (SLA) नहीं था, जिससे उपकरणों की जवाबदेही और निगरानी में कमी पाई गई।
इन उल्लंघनों से विमानन सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठते हैं। विस्फोटकों का बिना अनुमति परिवहन न केवल यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मानकों का भी उल्लंघन है। प्रशिक्षित कर्मियों की अनुपस्थिति और ग्राउंड हैंडलिंग में खामियां विमान संचालन की सुरक्षा को प्रभावित कर सकती हैं।
DGCA ने तुर्कीश एयरलाइंस को सभी उल्लंघनों को तुरंत सुधारने और अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO) के मानकों और भारतीय नागरिक उड्डयन नियमों का पूर्ण पालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। इसके अलावा, DGCA ने आगे भी निरीक्षण करने की चेतावनी दी है ताकि सुरक्षा मानकों का निरंतर पालन सुनिश्चित किया जा सके।
तुर्कीश एयरलाइंस द्वारा सुरक्षा मानकों का उल्लंघन गंभीर चिंता का विषय है। DGCA की सख्त कार्रवाई और निर्देश विमानन सुरक्षा को प्राथमिकता देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह घटना सभी एयरलाइनों के लिए एक चेतावनी है कि सुरक्षा मानकों का पालन अनिवार्य है और किसी भी लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
अधिक खबरों के लिए questiqa bharat के सदस्य बनें
ज़्यादा कहानियां
साइप्रस में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, भारत जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा
महात्मा गांधी की परपोती को 3.2 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के लिए 7 साल की सजा
आँखें आंसुओं से भरी: कश्मीर से कटरा की पहली ट्रेन यात्रा पर फारूक अब्दुल्ला की भावनात्मक प्रतिक्रिया