भारत और स्विट्जरलैंड के बीच वित्तीय पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए एक नई पहल की गई है। स्विट्जरलैंड ने क्रिप्टो संपत्तियों के संबंध में जानकारी साझा करने की योजना बनाई है, जिसमें भारत समेत 73 देश शामिल होंगे। यह कदम डिजिटल संपत्तियों के वित्तीय नियमों के पालन और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
योजना की मुख्य बातें
- स्विट्जरलैंड और अन्य 73 देशों के बीच क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी वित्तीय जानकारी का आदान-प्रदान किया जाएगा।
- इससे भ्रष्टाचार और टैक्स चोरी पर नियंत्रण करने में सहायता मिलेगी।
- दोनों देशों के वित्तीय और कर विभाग सहयोग करते हुए प्रक्रिया को प्रभावी बनाएंगे।
वर्तमान स्थिति और भविष्य की दिशा
भारत और स्विट्जरलैंड के बीच बैंक खातों की जानकारी के लिए पहले से ही स्वचालित सूचना आदान-प्रदान का एक फ्रेमवर्क मौजूद है। नई योजना इसके दायरे को बढ़ाते हुए क्रिप्टो संपत्तियों को शामिल करती है। यह वैश्विक स्तर पर क्रिप्टो संपत्ति के नियमन और निगरानी में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे निवेशक और सरकारें दोनों अधिक सुरक्षित और पारदर्शी व्यवस्था का लाभ उठा सकेंगी।
इस पहल से डिजिटल संपत्तियों के क्षेत्र में विश्वास और सहयोग को बल मिलेगा, जो वित्तीय सुरक्षा और कर अनुपालन को सुदृढ़ करेगा।
ज़्यादा कहानियां
नई दिल्ली: पीएम मोदी का क्रोएशिया दौरा समाप्त, केलाड़ी में हो रही है गर्माहट
बोन में भारत का गंभीर असंतोष, जलवायु वित्त मुद्दे पर उठे सवाल
नई दिल्ली: महात्मा गांधी की 2000 चित्रों को यूनेस्को टैग दिलाने की कोशिश