गर्मी की छुट्टियों की शुरुआत, परिवार संग हँसी-खुशी के पल, और भविष्य की अनगिनत योजनाएं — ये सब कुछ चंद पलों में तबाह हो गया जब दिल्ली से शिमला जा रहा एक निजी चार्टर विमान मंडी (हिमाचल प्रदेश) के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस भीषण हादसे में नागपुर के एक ही परिवार के तीन सदस्यों की दर्दनाक मौत हो गई।
मरने वालों में नागपुर के प्रसिद्ध कपड़ा व्यापारी अजय खंडेलवाल (42), उनकी पत्नी स्नेहा खंडेलवाल (38) और 10 वर्षीय बेटी अन्वी शामिल हैं।
एक खुशहाल परिवार की अधूरी यात्रा
खंडेलवाल परिवार पिछले कई वर्षों से नागपुर के सिविल लाइन्स क्षेत्र में रहता था। अजय खंडेलवाल की थोक दुकान कपड़े, और वह सामाजिक गतिविधियों में भी सक्रिय रहते थे। उनकी पत्नी स्नेहा एक शिक्षिका थीं और बेटी अन्वी हाल ही में स्कूल में टॉप कर के आई थी।
यह परिवार शिमला की कुछ दिन की छुट्टियों के लिए जा रहा था। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, वे इस यात्रा के लिए एक प्राइवेट चार्टर फ्लाइट बुक कर दी थी ताकि भीड़ से बच सकें और आरामदेह यात्रा हो।
दुर्घटना कैसे हुई?
मॉर्निंग 10:15 am, चार्टर विमान दिल्ली से उड़ान भरा। लगभग आधे घंटे के बाद विमान मंडी के पास पहुंचा, जब अचानक उसके अंदर तकनीकी खराबी आने की जानकारी पायलट ने एटीसी को दी।
10:47 बजे अंतिम संपर्क हुआ और उसके कुछ ही मिनटों बाद स्थानीय लोगों ने ज़ोरदार धमाके की आवाज़ सुनी। मंडी के पधर इलाके में रहने वाले एक ग्रामीण ने बताया, “पहले एक सन्नाटा था, फिर अचानक एक तेज़ आवाज़ और आसमान में धुआं ही धुआं। जब भागकर ऊपर पहुंचे तो सिर्फ मलबा था।”
मलबे में टूटी उम्मीदें
दुर्घटना का समाचार मिलते ही प्रशासन, एनडीआरएफ और वायुसेना की रेस्क्यू टीम वहां पहुंच गई। ऊबड़-खाबड़ पहाड़ी क्षेत्र होने की वजह से बचाव कार्य में मुश्किल उत्पन्न हुई। कुछ घंटों बाद शवों को बाहर निकाला गया।
पायलट और को-पायलट के अलावा, इस हादसे में खंडेलवाल परिवार के सभी सदस्य मौके पर ही दम तोड़ चुके थे। उनका सामान, एक टेडी बियर, टूटी चप्पल और एक फोटो एलबम मलबे में मिला — जो इस बात का सबूत था कि वे एक खूबसूरत यात्रा पर निकले थे।
नागपुर में मातम और स्तब्धता
जैसे ही यह सूचना नागपुर पहुँची, सिविल लाइन्स, इतवारी और गांधीबाग क्षेत्रों में शोक की लहर दौड़ गई। व्यापारिक जगत स्तब्ध है। अजय खंडेलवाल के मित्र और सहयोगी, जो अक्सर उनके साथ काम के सिलसिले में यात्रा का रुख कसते थे, इस दुखद घटना को स्वीकार नहीं कर पा रहे।
उनके निकट रमेश अग्रवाल कहते हैं, “मैंने उन्हें बुधवार रात देखा था, कार में सामान रख रहे थे। वे बहुत खुश लग रहे थे। कौन जानता था कि ये उनकी आखिरी मुस्कान थी।”
प्रशासन की प्रतिक्रिया और जांच के आदेश
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इस दुर्घटना की गहरी जांच के आदेश दिए हैं। DGCA ने यह कहा है कि शुरुआती रिपोर्ट में इंजन फेल्योर की संभावना व्यक्त की गई है, लेकिन फाइनल रिपोर्ट आने में कुछ दिन लगेंगे।
वहीं जहां विमान सेवा प्रदान करने की कंपनी — इंडेफ्लाई जेट सर्विसेज — ने दुख जताते हुए कहा, “हम इस अस्वीकार्य हादसे से अत्यंत दुखी हैं और शहीद हुए विमान यात्रियों के परिवारों को हरसंभव सहायता दी जाएगी। सुरक्षा मापदंडों का पालन किया गया था, फिर भी यह दुर्घटना हुई, जो हमारी टीम के लिए भी एक झटका है।”
एक अंतिम विदाई
खंडेलवाल परिवार का पार्थिव शरीर आज नागपुर लाया गया है। पूरे इलाके पर पुलिस बंदोबस्त किया गया है। अंतिम संस्कार आज शाम अमरधाम श्मशान घाट पर किया जाएगा।
विद्यालयों, व्यापारिक संस्थाओं और सामाजिक संगठनों ने शोक व्यक्त किया है। नागपुर नगर निगम ने भी इस हादसे पर आधिकारिक शोक संदेश जारी किया है।
क्या यह हादसा टाला जा सकता थै?
यह सवाल अब हर किसी के मन में है। उड़ान की तकनीकी जांच, उड़ान पूर्व निरीक्षण और पायलट की तैयारी — इन सभी पर अब जांच एजेंसियों की नज़र होगी।
यह एक बार फिर सवाल खड़ा करता है कि क्या निजी चार्टर फ्लाइट्स की सुरक्षा जांच उतनी ही कठोर है जितनी की कमर्शियल एयरलाइंस की।
एक मासूम बच्ची की हँसी, माता-पिता के भविष्य के सपने, और एक साधारण सी छुट्टी की योजना — यह सब एक भयावह दुर्घटना में हमेशा के लिए मिट गया।
नागपुर आज एक परिवार नहीं, एक भावना खो बैठा है।
ईश्वर खंडेलवाल परिवार की आत्मा को शांति दे और उनके परिजनों को इस असीम दुख को सहने की शक्ति दे।
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