भारत सरकार ने दिल्ली में उद्योगों के लिए नए ड्राफ्ट कार्बन नियमों की घोषणा की है, जो ऊर्जा संरक्षण अधिनियम, 2001 के तहत 2023 में अधिसूचित कार्बन क्रेडिट ट्रेडिंग योजना के अंतर्गत आते हैं।
ड्राफ्ट कार्बन नियमों का उद्देश्य
इन नियमों का मुख्य लक्ष्य है:
- कार्बन उत्सर्जन को कम करना।
- उद्योगों को पर्यावरण के प्रति अधिक जिम्मेदार बनाना।
कार्बन क्रेडिट ट्रेडिंग योजना क्या है?
यह योजना उद्योगों को अपने:
- उत्सर्जित कार्बन की मात्रा निर्धारित करने की सुविधा देती है।
- यदि उत्सर्जन नियत सीमा से कम रहता है, तो अतिरिक्त क्रेडिटों का व्यापार करने की अनुमति मिलती है।
इससे उद्योगों को न केवल आर्थिक लाभ होगा, बल्कि वे पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान देंगे।
इस नियम का प्रभाव
- देश के हर बड़े और मध्यम उद्योगों को प्रभावित करेगा।
- उद्योग अपनी ऊर्जा खपत और कार्बन उत्सर्जन नियंत्रित करने के लिए नए उपाय अपनाएंगे।
- भारत की जलवायु नीति को मजबूत करेगा।
- वैश्विक कार्बन उत्सर्जन लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करेगा।
विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया
उद्योग विशेषज्ञों ने इसे एक सकारात्मक कदम बताया है, जो न केवल पर्यावरण संरक्षण बल्कि आर्थिक विकास में भी सहायक होगा।
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