केंद्रीय मंत्री पियुष गोयल ने कहा है कि भारत जल्द ही रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्रों में प्रमुख सप्लायर बनने के कगार पर है। उन्होंने यह विश्वास जताया कि देश ने कई विकसित देशों के साथ मजबूत रिश्ते बनाकर यह मुकाम हासिल कर रहा है।
गोयल ने बताया कि भारत में ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर के माध्यम से डिजाइन और नवाचार में तेजी आ रही है, जो इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उनकी मानें तो, इन प्रयासों से भारत की वैश्विक रक्षा और एयरोस्पेस इंडस्ट्री में हिस्सेदारी बढ़ने की संभावना है।
भारत की ताकत और भविष्य की संभावनाएं
- देश की तकनीकी क्षमताओं और साझेदारियों को मजबूत करना।
- रक्षा और एयरोस्पेस तकनीकों को आत्मनिर्भर बनाना।
- वैश्विक मंच पर भारत की स्थिति को मजबूती प्रदान करना।
- रक्षा और एयरोस्पेस उपकरणों के क्षेत्र में एक भरोसेमंद सप्लायर के रूप में खुद को स्थापित करना।
यह विकास न केवल आर्थिक रूप से फायदेमंद है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा को भी मजबूत करेगा। भारत की ये पहल देश को भविष्य में रक्षा और एयरोस्पेस सेक्टर में एक महत्वपूर्ण शक्ति बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगी।
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