तिब्बत में चीन द्वारा निर्मित सबसे बड़ा बाँध यमुनागंगा नदी पर बना है, जो भारत के लिए एक महत्वपूर्ण जल स्रोत है। यह बाँध भारत के लिए एक संभावित जल संकट का बड़ा खतरा बन सकता है। चीन ने अभी तक किसी अंतरराष्ट्रीय जल-हिस्सेदारी समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं, जिससे भारत के लिए कानूनी रूप से चीन को जल प्रवाह को प्रभावित करने से रोकना मुश्किल हो गया है।
इस स्थिति के कारण भारत में कई राज्यों में जल संकट की संभावना बढ़ जाती है। जल प्रवाह पर नियंत्रण या बाधा डालना क्षेत्रीय स्थिरता के लिए गंभीर खतरा साबित हो सकता है।
चुनौतियाँ और खतरे
- चीन द्वारा जल प्रवाह को अचानक या अनियमित रूप से नियंत्रित किया जाना।
- भारत के लिए जल स्रोतों की सुरक्षा का अभाव।
- अंतरराष्ट्रीय जल-हिस्सेदारी समझौतों के अभाव से द्विपक्षीय संबंधों में तनाव।
- क्षेत्रीय स्थिरता और आपसी विश्वास में कमी।
भारत के लिए जरूरी कदम
- चीन के साथ जल संसाधन साझा करने के लिए मजबूती से बातचीत।
- अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस मुद्दे को गंभीरता से उठाना।
- जल संकट से निपटने के लिए आंतरिक जल प्रबंधन और संरक्षण उपायों को बढ़ावा देना।
- जल संकट के प्रति सतर्कता और तैयारी बढ़ाना।
चीन के इस कदम को अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा भी गंभीरता से लिया जा रहा है। भारत को इस मुद्दे पर दृढ़ता दिखानी होगी ताकि भविष्य में जल संकट का सामना न करना पड़े।
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