फॉक्सकॉन, जो कि विश्व की प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माता कंपनी है और iPhone के मुख्य संयंत्रों में से एक है, ने हाल ही में भारत में काम कर रहे सैकड़ों चीनी इंजीनियरों को वापस बुलाने का फैसला किया है। यह कदम तब आया है जब कंपनी के भारत में iPhone उत्पादन को लेकर प्रश्न उठने लगे हैं।
दिल्ली से मिली जानकारी के अनुसार, फॉक्सकॉन के इस कदम से भारत में iPhone की उत्पादन प्रक्रिया पर कई सवाल खड़े हो गए हैं। कई विशेषज्ञों का मानना है कि चीन से इंजीनियरों की वापसी के बाद उत्पादन में देरी हो सकती है और इससे भारत-भारत सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल प्रभावित हो सकती है।
फॉक्सकॉन के कदम के संभावित कारण
- संपर्क सीमाएं: चीन और भारत के बीच वर्तमान कूटनीतिक तनाव के कारण सुरक्षा और संपर्क संबंधी चुनौतियां बढ़ गई हैं।
- कर्मचारी सुरक्षा: कोविड-19 महामारी की स्थिति और अन्य स्वास्थ्य कारणों के चलते, कंपनी ने चीन से कर्मचारियों की वापसी को प्राथमिकता दी है।
- उत्पादन रणनीति में बदलाव: फॉक्सकॉन अपनी उत्पादन रणनीतियों को पुनःगठित कर सकता है, ताकि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में बदलाव हो सके।
भारत में iPhone उत्पादन पर प्रभाव
- उत्पादन में संभावित देरी: इंजीनियरों की कमी से तकनीकी सहायता में कमी आ सकती है, जिससे उत्पादन में बाधा आ सकती है।
- स्थानीय विशेषज्ञता बढ़ाने की जरूरत: भारत को तकनीकी कौशल और विशेषज्ञता विकसित करने पर जोर देना होगा।
- सरकारी नीतियां फिर से मूल्यांकन: भारत सरकार को अपने ‘मेक इन इंडिया’ प्रोग्राम को और बेहतर बनाने के लिए कदम उठाने होंगे।
कुल मिलाकर, फॉक्सकॉन द्वारा सैकड़ों चीनी इंजीनियरों को वापस बुलाने की घटना ने भारत में iPhone उत्पादन के भविष्य को लेकर कई अनिश्चितताएं पैदा कर दी हैं। सरकार और उद्योग दोनों को मिलकर इस स्थिति का समधान खोजने की आवश्यकता है ताकि देश में उच्च गुणवत्ता वाले इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन को बढ़ावा दिया जा सके।
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