बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक महत्वपूर्ण योजना की घोषणा की है, जिसके तहत प्रदेश के हर घरेलू उपभोक्ता को 125 यूनिट तक मुफ्त बिजली दी जाएगी। इसका उद्देश्य जनता के बिजली खर्च को कम करना और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है।
घटना क्या है?
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह मुफ्त विद्युत सुविधा योजना विधानसभा चुनाव से ठीक पहले लागू करने की घोषणा की है, ताकि जनता को आर्थिक राहत मिल सके। यह योजना पूरे राज्य के ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में लागू होगी। इसका लक्ष्य आम जनता के साथ-साथ छोटे उद्योगों और व्यापारियों को भी लाभ पहुंचाना है।
कौन-कौन जुड़े?
- बिहार राज्य बिजली निगम – योजना का क्रियान्वयन
- ऊर्जा मंत्रालय और संबंधित विभाग – संचालन सुनिश्चित करना
- मुख्यमंत्री कार्यालय – समीक्षा और निगरानी
- बिजली उपभोक्ता संघ और सामाजिक संगठन – प्रचार-प्रसार और समीक्षा
आधिकारिक बयान/दस्तावेज़
मुख्यमंत्री कार्यालय की प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह योजना जनकल्याणकारी नीतियों के अनुरूप है और लगभग 70 प्रतिशत घरेलू उपभोक्ताओं को लाभान्वित करेगी। ऊर्जा विभाग ने भी योजना की सकारात्मक भूमिका को रेखांकित किया है।
पुष्टि-शुदा आँकड़े
- लगभग 65 लाख परिवार इस योजना के अंतर्गत आते हैं।
- अनुमानित बजट: 500 करोड़ रुपये।
- मुफ्त बिजली योजना से बिजली खपत में 10 प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद।
तत्काल प्रभाव
इस योजना से गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों को बिजली के बिलों में कमी के कारण आर्थिक राहत मिलेगी और स्थानीय उद्योगों को भी बिजली खपत में वृद्धि से लाभ होगा।
प्रतिक्रियाएँ
- सरकार के निर्णय को जनता द्वारा स्वागत किया गया है।
- विपक्षी दलों ने इसे चुनावी राजनीति से प्रेरित बताते हुए सावधानी बरतने का अनुरोध किया है।
- ऊर्जा विशेषज्ञों ने इसे सकारात्मक कदम माना, पर दीर्घकालिक वित्तीय स्थिरता पर सवाल उठाए।
- उद्योग संगठन ने इसे ग्रामीण विकास के लिए लाभप्रद माना।
आगे क्या?
सरकार ने योजना की समीक्षा के लिए विशेष समिति गठित की है, जो हर तीन महीने में रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। आगामी संसदीय सत्र में योजना के विस्तार पर भी विचार किया जाएगा। सरकार ने जनता से योजना का सही उपयोग करने और बिजली की बचत करने की अपील की है।
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