मिथिला क्षेत्र में सांप मेला का आयोजन सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह मेला स्थानीय लोगों के साथ-साथ खगड़िया, सङ्ग, बेगूसराय, और मुजफ्फरपुर जिलों के लोगों को भी आकर्षित करता है, जहाँ सांपों की पूजा और संबंधित परंपराओं का जीवंत रूप देखने को मिलता है।
घटना क्या है?
मिथिला क्षेत्र में प्रत्येक वर्ष आयोजित होने वाला यह सांप मेला सांस्कृतिक उत्सवों का हिस्सा है। इस मेले का उद्देश्य सांपों की पूजा करना और स्थानीय परंपराओं को संरक्षित करना है। यह मेला अपनी पारंपरिक मजबूती और धार्मिक आस्था के साथ आयोजित होता है।
कौन-कौन जुड़े?
- मिथिला क्षेत्र के निवासी
- खगड़िया, सहर्सा, बेगूसराय और मुजफ्फरपुर जिलों के किसान, व्यापारी और साधु
- स्थानीय प्रशासन, जो सुरक्षा और व्यवस्थाओं को सुचारु बनाने के लिए कार्यरत है
प्रतिक्रियाएँ
स्थानीय लोग इस मेले को अपनी सांस्कृतिक पहचान और धार्मिक आस्था का प्रतीक मानते हैं। पर्यवेक्षक इसे क्षेत्रीय समारोहों के संरक्षण की दिशा में एक सकारात्मक कदम मानते हैं। साथ ही, प्रशासन ने बताया है कि इस बार सुरक्षा उपायों को कड़ा किया गया ताकि कोई हानि न हो।
आगे क्या?
आने वाले वर्षों में इस मेले के आयोजन के दायरे और स्वरूप को बढ़ाकर इसे क्षेत्रीय पर्यटन के रूप में विकसित करने की योजना है। इसके अतिरिक्त, स्थानीय प्रशासन सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी मेले में जोड़ने का संकेत दे रहा है।
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