अभिनेत्री रेनुका शाहाने ने महाराष्ट्र में भाषा को लेकर चल रही बहस पर अपनी राय व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि भाषा कोई ऐसी चीज नहीं है जिसे लोगों पर ज़बरदस्ती थोपनी चाहिए। उनका यह वक्तव्य उस समय सामने आया है जब राज्य में भाषा संबंधी सामाजिक विवाद काफी तेज़ हो गया है।
घटना क्या है?
महाराष्ट्र में मराठी और अन्य भाषाओं के उपयोग को लेकर महीनों से चर्चा चल रही है, जो राजनीतिक, सामाजिक और शैक्षिक क्षेत्रों में तेज़ हो गई है। रेनुका शाहाने ने कहा कि भाषा का सम्मान जरूरी है, लेकिन किसी भाषा को थोपना सही नहीं है। उन्होंने सभी से संवाद और सहिष्णुता बनाए रखने की अपील की है।
कौन-कौन जुड़े?
- महाराष्ट्र सरकार – मराठी भाषा को बढ़ावा देने के लिए पहल कर रही है।
- भाषा सामाजिक संगठन
- राजनीतिक दल
- आम नागरिक
- रेनुका शाहाने – कलाकार के रूप में संवाद और सहिष्णुता पर जोर दे रही हैं।
प्रतिक्रियाएँ
सरकार और विपक्षी दल दोनों ने सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने पर जोर दिया है। सामाजिक संगठनों और विशेषज्ञों ने भी शांतिपूर्ण समाधान की बात कही है। जनता में विभिन्न मत हैं, कुछ मराठी भाषा के संरक्षण के पक्ष में हैं तो कुछ बहुभाषी सह-अस्तित्व के समर्थक हैं।
तत्काल प्रभाव
- स्कूली, प्रशासनिक और कार्यस्थल भाषा नीतियों में बदलाव आया है।
- व्यापार और पर्यटन क्षेत्र में भाषा संवेदनशीलता बनी हुई है।
- कई संस्थानों ने कर्मचारियों के लिए भाषा प्रशिक्षण आरंभ किया है।
आगे क्या?
विभिन्न संवाद कार्यक्रम और कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी ताकि विवाद का शांतिपूर्ण समाधान निकाला जा सके। सरकार ने सभी पक्षों से शांति बनाए रखने की अपील की है और भाषा नीतियों की समीक्षा बैठकें आयोजित करने की योजना है।
ज़्यादा कहानियां
राबड़ी देवी का बड़ा बयान: नीतीश कुमार के बेटे को बनाएं बिहार का सीएम
राबड़ी देवी का बड़ा बयान: नीतीश कुमार को बेटे को बनाना चाहिए मुख्यमंत्री
सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरण संरक्षण पर लिया अहम निर्णय