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निशिकांत दुबे ने राज ठाकरे के हालिया बयान और उनके राजनीतिक कदमों पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि मराठी अस्मिता को राजनीति की आड़ में नहीं लिया जाना चाहिए। दुबे ने जोर देते हुए कहा कि मराठी संस्कृति और पहचान का सम्मान करना हर किसी की जिम्मेदारी है, लेकिन इसे राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल करना समाज में विघाजन पैदा कर सकता है।
राज ठाकरे की पार्टी द्वारा उठाए गए कदमों को लेकर निशिकांत दुबे ने इसे एक तरह का राजनीतिक विवाद बताया, जो असल में मराठी अस्मिता की भावना को कमजोर करता है। उन्होंने सुझाव दिया कि सभी राजनीतिक दलों को मराठी अस्मिता को आगे बढ़ाने में सकारात्मक भूमिका निभानी चाहिए और इसे विवादों का कारण नहीं बनाना चाहिए।
निशिकांत दुबे की मुख्य बातें:
- मराठी अस्मिता का सम्मान आवश्यक है, लेकिन इसे राजनीति का विषय नहीं बनाना चाहिए।
- राज ठाकरे के बयान से सामाजिक सद्भाव्यता पर प्रश्न उठते हैं।
- राजनीतिक विवादों से मराठी संस्कृति प्रभावित नहीं होनी चाहिए।
- समाज में एकता और सौहार्द्र बनाए रखना महत्वपूर्ण है।
इस विवाद के बीच, यह स्पष्ट है कि मराठी अस्मिता का मुद्दा बेहद संवेदनशील है और इसे समझदारी से संभालना सभी की प्राथमिकता होनी चाहिए ताकि सामाजिक तहजीब और राजनीतिक स्थिरता बनी रहे।
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