मुंबई, जुलाई 2025: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के प्रमुख राज ठाकरे द्वारा गैर-मराठी भाषी लोगों को धमकी देने के बाद भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने तीखी प्रतिक्रिया दी। दुबे ने ठाकरे की टिप्पणियों पर व्यंग्यपूर्ण अंदाज में उत्तर दिया और MNS के हिंसक इतिहास की आलोचना की।
घटना क्या है?
राज ठाकरे ने हाल ही में राज्य में गैर-मराठी भाषियों को लेकर एक विवादास्पद बयान दिया, जिसमें उन्होंने धमकी भरे लहजे का इस्तेमाल किया। इस बयान को लेकर राज्य भर में चर्चा हुई। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने संसद में या सार्वजनिक मंचों पर ठाकरे के बयान की तीखी निंदा की। दुबे ने कहा कि महाराष्ट्र की एकता और विकास के लिए सभी भाषा समूहों का सहयोग आवश्यक है।
कौन-कौन जुड़े?
- MNS प्रमुख राज ठाकरे
- भाजपा सांसद निशिकांत दुबे
- महाराष्ट्र राज्य सरकार
- विभिन्न सामाजिक संगठन
सरकार ने स्थिति पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए पुलिस और प्रशासन को सतर्क रहने का निर्देश दिया है।
आधिकारिक बयान/दस्तावेज़
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस मामले में आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा कि किसी भी तरह की धमकी या भाषा के नाम पर भेदभाव अस्वीकार्य है। पार्टी का कहना है कि भारत एक बहुभाषी राष्ट्र है, जहां सभी भाषाओं और संस्कृतियों का सम्मान किया जाना चाहिए। महाराष्ट्र सरकार ने भी इसे लेकर सतर्कता बरतने और कानून व्यवस्था बनाए रखने की बात कही है।
तत्काल प्रभाव
- राज ठाकरे के बयान के बाद शहर और राज्य के कुछ इलाकों में तनाव की स्थिति बनी।
- प्रशासन ने संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बढ़ाई।
- व्यापार और सामाजिक गतिविधियों पर असर देखने को मिला, हालांकि व्यापक हिंसा नहीं हुई।
- मीडिया और जनता में इस मुद्दे पर तीव्र चर्चा हुई।
प्रतिक्रियाएँ
सरकार ने स्थिति को गंभीरता से लेते हुए शांति बनाए रखने का आह्वान किया। विपक्षी दलों ने भी इस विवाद पर अपनी प्रतिक्रियाएं दीं, कुछ ने राज ठाकरे की भाषा की आलोचना की, तो कुछ ने मामले को राजनीतिक रंग देने से बचने की बात कही। विशेषज्ञों का कहना है कि भाषा आधारित राजनीति से सामाजिक सद्भाव को खतरा हो सकता है।
उद्योग और व्यवसाय के लिए यह स्थिति चिंताजनक है क्योंकि यह निवेश और आर्थिक विकास पर असर डाल सकती है।
आगे क्या?
- महाराष्ट्र सरकार ने स्थिति की बारीकी से निगरानी जारी रखी है।
- आगामी दिनों में सभी पक्षों से संवाद सुनिश्चित करने और सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए पहल की जाएगी।
- प्रशासन ने कहा है कि ऐसे किसी भी बयान या गतिविधि पर सख्त कार्रवाई होगी जो कानून और व्यवस्था को भंग करे।
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