मुंबई में जुलाई माह में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) ने ₹5,524 करोड़ की निकासी की है। यह निकासी मुख्य रूप से अमेरिका और भारत के बीच बढ़ते व्यापारिक तनाव और कंपनियों के मिश्रित लाभ परिणामों के कारण हुई है।
अमेरिकी-भारतीय व्यापार विवादों के चलते निवेशकों में अनिश्चितता बढ़ी है, जिससे विदेशी निवेशक भारतीय बाजार से अपने निवेश वापस ले रहे हैं। जुलाई के इस माह में इस निकासी ने भारतीय शेयर बाजार पर दबाव डाला है।
विशेषज्ञों की राय और महत्वपूर्ण कदम
विशेषज्ञ मानते हैं कि निम्नलिखित पहलुओं पर ध्यान देना आवश्यक है:
- व्यापारिक नीतियां: इन नीतियों को ध्यानपूर्वक समझना और उनका प्रभाव जानना।
- कॉरपोरेट कमाई रिपोर्टें: कंपनियों के वित्तीय प्रदर्शन पर नजर बनाए रखना।
- सरकार और नीतिनिर्माताओं की भूमिका: व्यापार तनाव को कम करने के उपाय करने की आवश्यकता।
इन प्रयासों से ही निवेश के लिए सही दिशा मिल सकती है और मार्केट में स्थिरता लाना संभव होगा।
निवेशकों के लिए सलाह
- सावधानी से निवेश करने पर जोर दिया जा रहा है।
- एक्सपर्ट्स का मानना है कि वर्तमान स्थिति में बाजार में अस्थिरता बनी रह सकती है।
- अगली आर्थिक और कारोबारी खबरों पर नजर बनाए रखना जरूरी है।
इस प्रकार की परिस्थितियों में निवेशकों को धैर्य बनाए रखना चाहिए और अच्छी तरह से जानकारी लेकर निर्णय लेना चाहिए। आगे की आर्थिक और कारोबारी खबरों के लिए जुड़े रहिये।
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