रूस की ऊर्जा कंपनी रोसनेफ्ट ने यूरोपीय संघ द्वारा अपनी भारतीय इकाई पर लगाए गए प्रतिबंधों को अवैध और अनुचित बताया है। कंपनी ने कहा है कि ये प्रतिबंध बिना किसी ठोस सबूत के लगाए गए हैं और व्यापारिक संबंधों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं।
रोसनेफ्ट का विरोध
रोसनेफ्ट ने स्पष्ट किया कि यूरोपीय संघ द्वारा भारतीय यूनिट को निशाना बनाना एक तरह की आर्थिक दखलंदाजी है। यह कदम अंतरराष्ट्रीय व्यापार नियमों का उल्लंघन भी है और इससे कारोबार व निवेश को भारी नुकसान हो सकता है।
यूरोपीय संघ का आरोप
यूरोपीय संघ ने यह आरोप लगाया था कि रोसनेफ्ट की भारतीय इकाई रूस के ऊर्जा क्षेत्र पर लगाए गए वैश्विक प्रतिबंधों का हिस्सा है। लेकिन रोसनेफ्ट ने इस दावे को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा कि उनका भारतीय संचालन स्वतंत्र और वैध है।
विचार और प्रभाव
विश्लेषकों का मानना है कि इस विवाद से भारत-रूस और यूरोप के बीच के व्यापार संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
महत्पूर्ण बिंदु:
- यूरोपीय संघ ने रोसनेफ्ट की भारतीय इकाई पर प्रतिबंध लगाए।
- रोसनेफ्ट ने इसे अनुचित और अवैध बताया।
- कंपनी ने आरोपों को खारिज किया और अपनी भारतीय इकाई को स्वतंत्र बताया।
- यह विवाद क्षेत्रीय व्यापार संबंधों पर प्रभाव डाल सकता है।
सभी की नजरें इस मामले के आगे के घटनाक्रम पर टिकी हुई हैं।
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