नई दिल्ली, 15 जून 2024 — भारत के संसद के मॉनसून सत्र में पर्यावरण संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण विधेयक प्रस्तुत किया गया है, जो देश में बढ़ती पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने का एक बड़ा प्रयास माना जा रहा है।
घटना क्या है?
पर्यावरण मंत्रालय ने बुधवार को संसद में पर्यावरण संरक्षण विधेयक 2024 प्रस्तुत किया। इसका उद्देश्य जल, वायु और भूमि प्रदूषण की रोकथाम के लिए कड़े प्रावधान बनाना और प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। यह विधेयक प्रदूषण मुक्त भारत की दिशा में ठोस कदम उठाने का प्रस्ताव करता है।
मुख्य पक्ष कौन-कौन जुड़े?
- पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय
- केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB)
- राज्य पर्यावरण विभाग
- विपक्षी दल
यह सभी पक्ष विधेयक के मसौदे पर सुझाव और चर्चा में शामिल हुए हैं।
आधिकारिक बयान और दस्तावेज
पर्यावरण मंत्री ने विधेयक प्रस्तुत करते हुए कहा, “यह विधेयक भारत को स्वच्छ और हरित बनाने के लिए एक विस्तृत रूपरेखा प्रदान करता है।” विधेयक में प्रदूषण नियंत्रण हेतु सख्त जुर्माने और पर्यावरणीय अपराधों की तेज न्यायिक जांच का प्रस्ताव शामिल है।
मौजूदा स्थिति के पुष्ट आँकड़े
- वायु प्रदूषण के कारण प्रति वर्ष लगभग 15 लाख लोगों की मृत्यु।
- पिछले पांच वर्षों में जल प्रदूषण में 20% की वृद्धि।
- प्रदूषण नियंत्रण के लिए 5,000 करोड़ रुपये का प्रस्तावित बजट।
तत्काल प्रभाव
- भारतीय उद्योगों के लिए पर्यावरणीय मानकों का सख्ती से पालन करना अनिवार्य।
- उत्पादन प्रक्रियाओं में सुधार और टिकाऊ उत्पादों की आपूर्ति में वृद्धि।
- आम नागरिकों के लिए स्वच्छ पर्यावरण प्राथमिकता।
प्रतिक्रियाएँ
सरकार ने विधेयक को पर्यावरण संरक्षण में मील का पत्थर बताया है, जबकि विपक्ष ने कुछ प्रावधानों पर संशोधन की मांग की है। पर्यावरण विशेषज्ञ इसे आवश्यक कदम मानते हैं, और उद्योग समूह लागत बचत पर ध्यान देने का सुझाव दे रहे हैं। जनता की प्रतिक्रिया मिश्रित है।
आगे क्या?
विधेयक लोकसभा में विस्तृत चर्चा के लिए रखा जाएगा। मंत्रालय ने इसे जल्द पारित करने को प्राथमिकता दी है। चर्चा के दौरान विधेयक में संशोधन भी संभव हैं।
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