नई दिल्ली: संसद के राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में, विदेश मंत्रालय के राज्यमंत्री कृति वर्धन सिंह ने पाकिस्तान, चीन और अफगानिस्तान के बीच हाल ही में हुई बैठक में CPEC (चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर) के विस्तार को अस्वीकार्य बताया। भारत ने इस मसले पर अपनी स्थिति को साफ और सुसंगत बनाए रखा है।
कृति वर्धन सिंह ने कहा कि CPEC भारत के संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के विरुद्ध है, क्योंकि यह परियोजना भारतीय क्षेत्र कश्मीर के अवैध कब्जे वाले हिस्सों से होकर गुजरती है। भारत ने बार-बार स्पष्ट किया है कि किसी भी रणनीतिक परियोजना को भारत की संप्रभुता का उल्लंघन किए बिना लागू नहीं किया जाना चाहिए।
विदेश मंत्रालय ने यह भी दोहराया कि भारत इस मुद्दे पर कूटनीतिक माध्यमों से अपनी चिंताओं को उठाता रहेगा और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए हर संभव प्रयास करेगा। इस बैठक में शामिल अन्य देशों के साथ भारत की बहुपक्षीय बातचीत की महत्ता को भी बल दिया गया है।
भारत की यह प्रतिक्रिया कश्मीर विवाद और CPEC को लेकर उसके ठोस रुख को दर्शाती है।
मुख्य बिंदु:
- भारत ने CPEC के विस्तार को अस्वीकार्य बताया है।
- CPEC परियोजना कश्मीर के अवैध कब्जे वाले हिस्सों से होकर गुजरती है।
- भारत अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
- भारत कूटनीतिक माध्यमों से अपनी चिंताओं को उठाता रहेगा।
- बहुपक्षीय बातचीत की महत्ता पर जोर दिया गया।
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