नई दिल्ली ने अमेरिकी स्टील और एल्यूमिनियम टैरिफ के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की संभावना पर विचार करना शुरू कर दिया है। यह कदम भारत की उस नीति का हिस्सा है जो अपने औद्योगिक हितों की रक्षा और अंतरराष्ट्रीय व्यापार में बराबरी के अवसर सुनिश्चित करने के लिए उठाया जा रहा है।
अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ ने भारतीय स्टील और एल्यूमिनियम उत्पादों की निर्यात क्षमता को प्रभावित किया है, जिसकी वजह से भारत को आर्थिक और व्यापारिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इस स्थिति में सरकार ने विभिन्न विकल्पों पर गहन विचार किया है, जिसमें टैरिफ के विरोध में कूटनीतिक वार्ता और WTO में शिकायत दर्ज कराना शामिल हो सकता है।
भारत की संभावित रणनीतियाँ
- जवाबी टैरिफ लगाना: अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाकर व्यापारिक दबाव बनाना।
- वाणिज्यिक कूटनीति: अमेरिका के साथ द्विपक्षीय वार्ताओं के माध्यम से समाधान निकालने का प्रयास।
- WTO में शिकायत: विश्व व्यापार संगठन में इस मामले को उठाना।
सरकार की यह योजना आर्थिक सुरक्षा को मजबूत करने और वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धात्मक स्थिति बनाए रखने के उद्देश्य से है। इसके साथ ही भारत अंतरराष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से व्यापार विवादों को बातचीत और समझौते के जरिये हल करने का प्रयास करता रहेगा।
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