नई दिल्ली में, भारत सरकार ने सड़क सुरक्षा और नेटवर्क को बेहतर बनाने हेतु एक नई पहल की है जो डेटा-चालित तकनीक का उपयोग करती है। इस पहल का उद्देश्य सड़कों को अधिक सुरक्षित, मजबूत और टिकाऊ बनाना है।
इस योजना के तहत, विभिन्न प्रकार के सेंसर और तकनीकी उपकरणों द्वारा सड़क की स्थिति और यातायात के पैटर्न को निरंतर मॉनिटर किया जाएगा। इस डेटा के आधार पर सड़कों की मरम्मत, सुधार और नवनिर्माण के कार्य समय पर और प्रभावी ढंग से किए जाएंगे।
प्रमुख पहलू
- डेटा संग्रह: सड़कों की गुणवत्ता, यातायात की आवृत्ति, और दुर्घटना के आंकड़ों को संग्रहित करना।
- विश्लेषण: संगृहित डेटा का विश्लेषण कर संभावित जोखिम क्षेत्रों की पहचान करना।
- अनुमान और योजना: भविष्य की सड़क आवश्यकताओं और संभावित जोखिमों का अनुमान लगाना।
- कार्यान्वयन: सुधार कार्यों को प्राथमिकता देना और प्रभावी ढंग से क्रियान्वित करना।
- निरंतर निगरानी: सड़क की स्थिति की नियमित निगरानी तथा आवश्यकतानुसार सुधार कार्य।
इस डेटा-चालित तकनीक के माध्यम से भारत का उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं को कम करना, यात्रा को सुगम बनाना और लॉजिस्टिक्स के क्षेत्र में दक्षता बढ़ाना है। यह पहल राष्ट्रीय आर्थिक विकास और नागरिकों की सुरक्षा दोनों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
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