नई दिल्ली में चर्चा चल रही है कि भारत की विदेशी नीति को कैसे देश के लिए अधिक फायदेमंद बनाया जाए। विशेषज्ञों का मानना है कि यह नीति केवल संकीर्ण हितों या कुछ विशेष तबकों की संपन्नता तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि इसे देश की दीर्घकालीन सुरक्षा और आर्थिक विकास के साथ सामंजस्य स्थापित करना होगा।
विदेश नीति के प्रमुख उद्देश्य
- दीर्घकालीन सुरक्षा: राष्ट्रीय सुरक्षा को मज़बूत करना।
- आर्थिक विकास: आर्थिक वृद्धि के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग और व्यापारिक रिश्तों को सुदृढ़ बनाना।
- वैश्विक सम्मान: भारत की वैश्विक स्थिति और प्रभाव को बढ़ाना।
भारत के लिए आवश्यक कदम
- विदेश नीति को व्यापक और रणनीतिक बनाना।
- आर्थिक रणनीतियों और सुरक्षा आवश्यकताओं का संतुलन स्थापित करना।
- विदेश नीति में पारदर्शिता बनाए रखना।
- सभी वर्गों के हितों को समाहित करना।
- वैश्विक संदर्भ में भारत की स्थिति को मजबूत करने वाले निर्णय लेना।
इस प्रकार, भारत की विदेशी नीति तभी सफल हो सकती है जब वह देश की समग्र प्रगति में सहायक हो और अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश का सम्मान बढ़ाए। आने वाले समय में ऐसे निर्णय महत्वपूर्ण होंगे जो देश के हितों को सर्वोत्तम संभव तरीके से आगे बढ़ाएं।
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