संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि ऐसा लगता है कि “हम भारत और रूस को गहरे, अंधकारपूर्ण चीन के हाथों खो चुके हैं।” इस बयान के माध्यम से उन्होंने भारत, रूस और चीन के बीच बदलते अंतरराष्ट्रीय संबंधों की ओर इशारा किया। ट्रंप ने भारत, रूस और चीन के लिए विडंबनात्मक रूप से “समृद्ध” भविष्य की कामना की।
घटना क्या है?
यह बयान 31 अगस्त 2025 को जारी किया गया, जो वैश्विक राजनीति में भारत-रूस-चीन के संबंधों के मुद्दे को फिर से उभारता है। इस संदर्भ में भारत और रूस की चीन के साथ बढ़ती निकटता विदेश नीति विशेषज्ञों और राजनयिकों के बीच चर्चा का विषय बनी है।
कौन-कौन जुड़े?
- प्रधान तीन देश: भारत, रूस, और चीन।
- अमेरिकी राष्ट्रपति: डोनाल्ड ट्रंप, जिन्होंने अपनी चेतावनी दी जो अमेरिकी विदेश नीति के दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व करती है।
- भारत और रूस के मंत्रालय: अभी तक इस बयान पर आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी।
- चीन: इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं की।
प्रतिक्रियाएँ
- भारत और रूस की सरकारी एजेंसियाँ इस वक्त बयान पर विचार कर रही हैं।
- कुछ भारतीय और रूसी विशेषज्ञों ने कहा है कि यह बयान भारत-रूस के चीन के साथ समन्वित संबंधों की जटिलताओं को उजागर करता है।
- अमेरिकी विशेषज्ञों के अनुसार, यह ट्रंप का एक कूटनीतिक रुख प्रस्तुत करता है।
- सोशल मीडिया और आम जनता में इस बयान को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएँ देखी गईं।
आगे क्या?
- भारत और रूस के विदेश विभाग इस विषय पर आगे संचार जारी कर सकते हैं।
- वैश्विक मंचों पर तीनों देशों के बीच संबंधों को लेकर और स्पष्टता आने की संभावना है।
- अमेरिकी विदेश नीति में भी संभवतः इसी विषय पर नई रणनीतियाँ विकसित की जाएंगी।
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