अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत, रूस और चीन के बीच संबंधों को लेकर अपनी टिप्पणी में कहा कि वे भारत और रूस को “गहरे, अंधेरे चीन” के प्रभाव क्षेत्र में खो चुके हैं। यह बयान 25 अगस्त 2025 को सोशल मीडिया पर साझा किया गया था और इसने तीनों देशों के बीच संबंधों पर कई प्रतिक्रियाएँ उत्पन्न कीं।
घटना का सारांश
ट्रम्प ने अपनी पोस्ट में व्यंग्यात्मक भाषा का इस्तेमाल करते हुए भारत और रूस की चीन के साथ बढ़ती निकटता पर चिंता जताई। उन्होंने तीनों देशों की समृद्धि की कामना भी की। इस टिप्पणी ने कूटनीतिक हलचल को बढ़ावा दिया और व्यापारिक मंडलों तथा जनता में चर्चा को जन्म दिया।
संयुक्त देश और उनकी प्रतिक्रियाएं
- भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत अपनी स्वतंत्र और समान साझेदारी नीति पर दृढ़ है।
- रूसी सरकार ने सभी देशों के साथ बराबरी और सम्मान पर आधारित रिश्तों की पुष्टि की।
- चीनी विदेश विभाग ने वैश्विक सहयोग और स्थिरता पर जोर देते हुए टिप्पणी करने से परहेज किया।
आर्थिक आंकड़े
हाल के आंकड़ों के अनुसार, पिछले वर्ष की तुलना में:
- भारत-चीन द्विपक्षीय व्यापार में 10% की वृद्धि हुई है।
- रूस-चीन ट्रेड वैल्यू में 8% की बढ़ोतरी देखी गई।
ये संकेत करते हैं कि तीनों देशों के बीच आर्थिक और राजनीतिक संबंध मजबूत हो रहे हैं।
तत्काल प्रभाव और प्रतिक्रियाएं
ट्रंप की टिप्पणी ने कूटनीति और व्यापारिक बाजारों में उतार-चढ़ाव ला दिया। सरकार ने स्थिति को नियंत्रण में बताते हुए संभालने की बात कही, जबकि विपक्ष ने बयान को अनुचित कहा। विशेषज्ञों ने इस स्थिति को समझने का अवसर माना और उद्योग जगत ने त्रिपक्षीय सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया। जनता के विचार बंटे हुए हैं।
आगे की दिशा
तीनों देशों के प्रतिनिधि अपने-अपने स्तर पर चर्चा और वार्ता जारी रखते हुए अगले शिखर सम्मेलन के लिए तैयारी में हैं ताकि सहयोग और स्थिरता को बढ़ावा दिया जा सके।
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