पंजाब सरकार के भाषाओं विभाग ने 2025 के लिए सर्वश्रेष्ठ हिंदी और उर्दू पुस्तक पुरस्कार की घोषणा की है, जो कि भाषा और साहित्य को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से आयोजित एक वार्षिक कार्यक्रम है।
घटना क्या है?
यह पहल साहित्यिक क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य को मान्यता देने और बढ़ावा देने के लिए की गई है। पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित किया जाएगा, जो भाषा के संरक्षण और विकास में योगदान देते हैं।
कौन-कौन जुड़े?
- पंजाब सरकार का भाषाओं विभाग
- हिंदी और उर्दू भाषा के लेखक
- प्रकाशक
- साहित्यिक समीक्षक
- एक विशेषज्ञ समिति, जो पुरस्कार विजेताओं का चयन करेगी
आधिकारिक बयान/दस्तावेज़
सरकार की प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह पुरस्कार भाषाई संकट को कम करने तथा सांस्कृतिक विरासत को मजबूत करने में सहायक होंगे। इसमें आवेदन की अंतिम तिथि एवं शर्तें भी दी गई हैं।
पुष्टि-शुदा आँकड़े
- इस वर्ष लगभग 150 पुस्तकों ने आवेदन किया है।
- चयन प्रक्रिया वर्तमान में जारी है।
- पुरस्कार राशि एवं सम्मानात्मक प्रमाण-पत्र विजेताओं को प्रदान किए जाएंगे।
तत्काल प्रभाव
इस घोषणा से हिंदी और उर्दू भाषा के साहित्यकारों में उत्साह बढ़ा है तथा भाषा और साहित्य के प्रति जागरूकता और समर्थन में वृद्धि देखी गई है।
प्रतिक्रियाएँ
- सरकार ने इस पहल की सराहना की है, इसे भाषाई विविधता और सांस्कृतिक समृद्धि बढ़ाने वाला कदम माना गया है।
- साहित्यिक समुदाय ने इसे भाषा संरक्षण की दिशा में सकारात्मक कदम कहा है।
- विपक्षी दलों ने भी इस पहल का समर्थन किया है।
आगे क्या?
भाषाओं विभाग आगामी महीनों में विजेताओं की घोषणा करेगा और पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित करेगा। साथ ही, आगामी वर्षों में पुरस्कारों के दायरे और श्रेणियों को बढ़ाने की योजना भी बनाई जा रही है।
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