September 10, 2025

QuestiQa भारत

देश विदेश की खबरें आप तक

सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरण संरक्षण पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया

Share Questiqa भारत-
Advertisements
Ad 5

नई दिल्ली में हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरण संरक्षण से जुड़े एक महत्वपूर्ण मामले पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया है, जो देश की पर्यावरणीय नीतियों के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा। यह आदेश पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में भारतीय न्यायपालिका द्वारा दिये गए अब तक के सबसे व्यापक निर्देशों में से एक है।

घटना क्या है?

12 अप्रैल 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने सार्वजनिक हित याचिका पर सुनवाई करते हुए जल, वायु और भूमि प्रदूषण नियंत्रण के लिए सख्त नियम लागू करने का आदेश दिया। कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्रीय संस्थाओं को न केवल मौजूदा नियमों का पालन करने, बल्कि नए सुधारात्मक कदम उठाने के लिए निर्देशित किया है। यह आदेश भारत में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक नया अध्याय खोलेगा।

Advertisements
Ad 7

कौन-कौन जुड़े?

इस मामले में निम्न मुख्य पक्ष जुड़े थे:

  • सुप्रीम कोर्ट
  • केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय
  • विभिन्न राज्य सरकारें
  • सामाजिक और पर्यावरणीय संगठन

पर्यावरण संरक्षण की मांग लेकर दायर याचिकाओं के आधार पर कोर्ट ने यह कदम उठाया।

आधिकारिक बयान/दस्तावेज़

सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर जारी आदेश के अनुसार, सभी राज्य सरकारें अगले तीन महीनों के भीतर अपनी पर्यावरण नीतियों में सुधार करते हुए प्रदूषण नियंत्रण उपायों की प्रगति रिपोर्ट कोर्ट को सौंपेंगी। केंद्रीय मंत्रालय ने भी एक प्रेस रिलीज जारी कर कहा है कि यह आदेश पूर्ण रूप से सम्मानित किया जाएगा और पर्यावरण नीतियों में शीघ्र सुधार किया जाएगा।

Advertisements
Ad 4

पुष्टि-शुदा आँकड़े

पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अनुसार:

  • पिछले पांच वर्षों में भारत में औद्योगिक प्रदूषण में 15 प्रतिशत वृद्धि हुई है।
  • सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण स्तर कम करने के लिए तत्काल कदम उठाने का निर्देश दिया है।

तत्काल प्रभाव

फैसले के बाद सभी राज्य सरकारें और जिले पर्यावरण नियमों के कड़े पालन के लिए तत्पर हैं। उद्योगों को प्रदूषण नियंत्रण हेतु नई तकनीकों को अपनाना होगा, जिससे कुछ उत्पादों की लागत में बदलाव आ सकता है। यह फैसला सामान्य नागरिकों के लिए स्वच्छ और स्वस्थ पर्यावरण सुनिश्चित करने का रास्ता खोलता है।

प्रतिक्रियाएँ

  • सरकार ने फैसले का स्वागत करते हुए इसे पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सकारात्मक पहल बताया।
  • विपक्ष ने भी समर्थन दिया और कहा कि इससे पर्यावरण से जुड़े लंबित मसले सुलझेंगे।
  • पर्यावरण विशेषज्ञों ने इसे अभूतपूर्व और नीतिगत ढांचे को मजबूत करने वाला निर्णय माना।
  • औद्योगिक संगठनों ने आदेशों के पालन का आश्वासन दिया, साथ ही आर्थिक सहायता की मांग की।

आगे क्या?

कोर्ट ने सभी पक्षों को आदेश दिया है कि वे अगले तीन महीनों के भीतर अपनी पर्यावरण संरक्षण योजनाएं प्रस्तुत करें और छह महीने बाद समीक्षा के लिए कोर्ट के समक्ष उपस्थित हों। इससे पर्यावरण संरक्षण प्रयासों में निरंतरता और जवाबदेही सुनिश्चित होगी।

About The Author

You cannot copy content of this page

Social Media Auto Publish Powered By : XYZScripts.com