भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने सूचित किया है कि उत्तर-पश्चिम भारत में मानसून का विदाई दौर अगले सप्ताह से शुरू हो सकता है। इस अवधि में अगस्त-सितंबर के मध्य मानसून ने सामान्य मात्रा से लगभग 8% अधिक वर्षा दर्ज की है, जिससे किसानों और आम जनता को राहत मिली है।
मानसून के रुख की जानकारी
IMD के अनुसार, सितंबर 17 तक मानसून के पीछे हटने की संभावनाएँ गंभीर हो सकती हैं, जो दक्षिण-पश्चिम मानसून के नए निर्धारित प्रस्थान तिथियों के अनुरूप है। यह बदलाव निम्नलिखित पहलुओं पर असर डाल सकता है:
- पूरे देश में मानसून की सक्रियता में कमी
- तापमान में संभावित वृद्धि
- कृषि गतिविधियों में आवश्यक बदलाव
कृषकों और आमजन के लिए मतलब
अधिक वर्षा के कारण कई क्षेत्र अब हरे-भरे दिखाई दे रहे हैं, लेकिन किसानों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि मानसून का समापन उचित समय पर हो ताकि वे:
- फसल कटाई कर सकें
- अगली फसल की बुवाई की तैयारियाँ कर सकें
मौसम विभाग द्वारा दी गई यह जानकारी प्रदेशों के प्रशासन और किसानों को मानसून प्रबंधन में सहायक सिद्ध होगी। आगामी दिनों में मौसम में आगमन वाले परिवर्तनों पर सभी का ध्यान बना रहेगा।
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