नई दिल्ली: भारत और अमेरिका के बीच चल रहे व्यापार वार्ताओं में रूस के तेल पर निर्भरता की नई भूमिका सामने आई है। ट्रंप प्रशासन के पूर्व दूत सर्जियो गोर ने संकेत दिए हैं कि यह समझौता रूस के तेल से जुड़ा हो सकता है, जो दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार का मार्ग प्रशस्त करेगा।
यह बयान ऐसे समय में आया है जब:
- वैश्विक ऊर्जा संकट बढ़ रहा है।
- रूस पर विभिन्न प्रतिबंध लगे हुए हैं।
- भारत ने रूस से तेल की खरीद जारी रखी है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस व्यापार समझौते से:
- भारत और अमेरिका के आर्थिक संबंध मजबूत होंगे।
- वैश्विक ऊर्जा बाजार पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा।
- राजनीतिक तौर पर अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी और गहरी होगी।
सर्जियो गोर के बयान से यह संकेत मिलता है कि दोनों देशों के बीच नजदीकियां व्यापार और कूटनीति दोनों स्तरों पर महत्वपूर्ण बढ़ावा पाएंगी। यह प्रगति वैश्विक राजनीति में एक नया अध्याय जोड़ सकती है।
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