अमेरिका ने G7 समूह और यूरोपीयन यूनियन (EU) से आग्रह किया है कि वे चीन और भारत द्वारा खरीदने वाले रूस के कच्चे तेल पर कड़े शुल्क लगाएं। इसका उद्देश्य रूस की तेल निर्यात से प्राप्त आय को कम करना है, जिससे यूक्रेन युद्ध के संदर्भ में रूस पर अधिक दबाव बनाया जा सके।
यह कदम उन देशों द्वारा रूसी कच्चे तेल की भारी मात्रा में खरीद को रोकने के लिए उठाया गया है, जो पहले से ही पश्चिमी प्रतिबंधों के अधीन हैं। अमेरिका का मानना है कि इन शुल्कों से रूस की तेल बिक्री सीमित होगी और युद्ध के वित्तपोषण में बाधा उत्पन्न होगी।
महत्वपूर्ण बिंदु:
- अमेरिका ने G7 और EU से चीन और भारत पर लागू किए जाने वाले शुल्कों की मांग की है।
- यह शुल्क रूस के कच्चे तेल की खरीद को प्रभावित करेंगे।
- उद्देश्य है रूस की आर्थिक स्थिति को कमजोर करना जिससे यूक्रेन युद्ध में प्रभाव डाला जा सके।
- चीन और भारत रूस के प्रमुख तेल खरीदार हैं।
इस प्रस्ताव पर अभी चर्चा जारी है और इसके प्रभावों का आकलन अगले कुछ महीनों में किया जाएगा। G7 और EU की ओर से इस मामले में ठोस कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।
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