12 जून 2025 को अहमदाबाद में एक बेहद दर्दनाक और चौंकाने वाली घटना सामने आई, जब एयर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट AI-171 टेक-ऑफ के कुछ ही देर बाद तकनीकी खराबी के चलते क्रैश हो गई। यह विमान सीधा अहमदाबाद के प्रसिद्ध बी.जे. मेडिकल कॉलेज के गर्ल्स हॉस्टल की बिल्डिंग नंबर 3 पर आ गिरा। इस दर्दनाक हादसे में न केवल विमान के 256 यात्रियों की जान चली गई, बल्कि ज़मीन पर मौजूद पाँच लोगों की भी मृत्यु हो गई। इन पाँच में चार मेडिकल छात्राएं और एक डॉक्टर की पत्नी शामिल थीं।
हादसा सुबह करीब 1:39 p.m बजे हुआ, जब छात्राएं अपने हॉस्टल के कमरों में थीं। जैसे ही विमान भवन से टकराया, एक भयानक धमाका हुआ और चारों ओर आग फैल गई। हॉस्टल की इमारत में तेज़ आग लग गई और मलबा चारों तरफ बिखर गया। चश्मदीदों के अनुसार, कुछ छात्राएं हादसे के समय नाश्ते की तैयारी कर रही थीं, जबकि कुछ अपने कमरे में पढ़ाई कर रही थीं। अफसोसजनक रूप से, जो छात्राएं हादसे की चपेट में आईं, वे बिल्डिंग के उस हिस्से में थीं जहां विमान सबसे ज़्यादा क्षति पहुंचा गया।
इन चार छात्राओं की पहचान प्रक्रिया अब तक पूरी नहीं हो पाई है क्योंकि उनके शव गंभीर रूप से जल चुके हैं। अस्पताल प्रशासन और पुलिस डीएनए परीक्षण के जरिए पहचान की प्रक्रिया में जुटे हुए हैं। इसके अतिरिक्त एक अन्य महिला – एक वरिष्ठ डॉक्टर की पत्नी – जो अपने पति से मिलने आई थीं और कुछ समय के लिए हॉस्टल परिसर में ठहरी थीं, वे भी इस हादसे की शिकार बनीं।
अस्पताल के अधिकारियों के अनुसार, AI-171 बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान क्रैश हुआ तो वह पूरी रफ्तार में था। टक्कर के बाद आग और विस्फोट ने मौके पर मौजूद लोगों को भागने का कोई अवसर नहीं दिया। मेडिकल कॉलेज के कई छात्र और कर्मचारी तुरंत घटनास्थल की ओर भागे, लेकिन आग इतनी तेज़ थी कि वे बचाव कार्य शुरू नहीं कर सके। अग्निशमन दल को आग पर काबू पाने में तीन घंटे से अधिक का समय लगा। इस दौरान चारों छात्राएं और एक महिला पूरी तरह झुलस गईं।
शवों की हालत ऐसी थी कि उनकी पहचान तुरंत नहीं हो सकी। इसलिए अधिकारियों ने फोरेंसिक और डीएनए तकनीकों का सहारा लिया है। कॉलेज प्रशासन ने बताया कि छात्राएं सेकंड और थर्ड ईयर की थीं, और सभी पढ़ाई में उत्कृष्ट थीं। वे न केवल अपनी पढ़ाई में अव्वल थीं, बल्कि कॉलेज की सांस्कृतिक और सामाजिक गतिविधियों में भी भाग लिया करती थीं।
हॉस्टल परिसर में अब मातम का माहौल है। छात्राएं सदमे में हैं और कॉलेज प्रशासन ने काउंसलिंग की व्यवस्था शुरू कर दी है। मेडिकल स्टाफ भी गहरे दुख में हैं क्योंकि उन्होंने अपनी होनहार साथियों को एक दुखद हादसे में खो दिया। मृतक डॉक्टर की पत्नी के परिवार को सूचना दे दी गई है और उनके पार्थिव शरीर को सम्मानपूर्वक उनके गृह नगर भेजे जाने की तैयारी की जा रही है।
इस त्रासदी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि एयरलाइन सुरक्षा और शहरी बुनियादी ढांचे को लेकर हमें नई सोच और सख्त कार्रवाई की ज़रूरत है। अहमदाबाद जैसे घनी आबादी वाले शहर में एयरपोर्ट के नज़दीक रिहायशी या संस्थागत भवनों की सुरक्षा की समीक्षा अब अनिवार्य हो गई है।
अंततः, यह हादसा केवल एक विमान दुर्घटना नहीं था – यह पाँच परिवारों की दुनिया उजाड़ देने वाला क्रूर हादसा था। इन छात्राओं की असमय मृत्यु ने न केवल उनके माता-पिता के सपनों को तोड़ा, बल्कि देश की चिकित्सा सेवा को भी भावी डॉक्टरों से वंचित कर दिया। प्रशासन, कॉलेज और समाज को मिलकर इस घटना से सीखना होगा ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदी दोहराई न जा सके।
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