हाल ही में एयर इंडिया की दो अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को तकनीकी खराबियों के कारण बीच रास्ते से ही लौटना पड़ा। यात्रियों और विमानन सुरक्षा के लिहाज़ से यह घटनाएं गंभीर मानी जा रही हैं, खासकर उस भयानक हादसे के कुछ ही दिन बाद, जिसमें अहमदाबाद में एयर इंडिया का एक विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ था और 270 लोगों की जान चली गई थी। इन घटनाओं ने एक बार फिर से उड़ान सुरक्षा और एयरलाइन की तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
पहली घटना एयर इंडिया की उड़ान AI315 की है, जो हांगकांग से दिल्ली जा रही थी। उड़ान भरने के लगभग डेढ़ घंटे बाद विमान में तकनीकी गड़बड़ी की सूचना मिली। पायलट ने तत्परता दिखाते हुए विमान को वापस हांगकांग ले जाने का फैसला किया। हवाई यातायात नियंत्रण से अनुमति मिलने के बाद विमान सुरक्षित रूप से वापस लैंड कर गया। विमान बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर था और सभी यात्रियों को सुरक्षित उतार लिया गया। एयर इंडिया ने बताया कि यात्रियों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है और विमान की जांच तकनीकी विशेषज्ञों द्वारा की जा रही है।
दूसरी घटना दिल्ली से रांची जाने वाली उड़ान AI9695 के साथ हुई। उड़ान के कुछ समय बाद पायलट को संभावित तकनीकी खामी की सूचना मिली, जिसके कारण उसे दिल्ली हवाई अड्डे पर ही लौटने का फैसला करना पड़ा। यह निर्णय पूरी तरह से एहतियातन लिया गया था ताकि किसी भी अनहोनी से बचा जा सके। इस विमान को बाद में जांच के बाद फिर से उड़ान के लिए तैयार किया गया।
इन घटनाओं के मद्देनज़र, एयर इंडिया और सिविल एविएशन महानिदेशालय (DGCA) ने बोइंग 787 विमानों की विशेष जांच शुरू कर दी है। DGCA ने पहले ही आदेश जारी कर दिए थे कि सभी विमानों की नियमित जांच की जाए और कोई भी संदिग्ध संकेत मिलने पर तत्काल कार्रवाई हो। इससे साफ है कि एयर इंडिया अब अतिरिक्त सतर्कता बरत रही है और तकनीकी गड़बड़ियों को गंभीरता से ले रही है।
एयर इंडिया के प्रवक्ताओं ने इन घटनाओं को “सावधानी की दृष्टि से उठाया गया कदम” बताया है और कहा है कि यात्रियों की सुरक्षा ही एयरलाइन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। एयरलाइन द्वारा समय पर लिया गया निर्णय यात्रियों के लिए राहत भरा रहा, क्योंकि किसी भी उड़ान में कोई जान-माल का नुकसान नहीं हुआ।
इन घटनाओं से एक बात तो साफ है कि विमानन सुरक्षा कोई समझौते की चीज नहीं है। एयर इंडिया द्वारा लिए गए त्वरित निर्णय दिखाते हैं कि कंपनी अब अपने विमानों की तकनीकी स्थिति पर विशेष नजर रख रही है। हालांकि यात्रियों में असमंजस और डर का माहौल बना है, लेकिन एयरलाइन की ओर से लगातार यात्रियों को जानकारी देना और वैकल्पिक व्यवस्था करना सकारात्मक कदम माने जा सकते हैं।
अंततः, यह जरूरी है कि एयर इंडिया और अन्य एयरलाइंस अपनी तकनीकी और सुरक्षा प्रणालियों को और मज़बूत करें, ताकि यात्रियों का भरोसा बना रहे और भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। फिलहाल, यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए ये कदम ज़रूरी और सराहनीय हैं। अधिक खबरों के लिए पढ़ते रहें Questiqa Bharat |
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